चीन से आयातित सोलर उपकरणों पर लगाम लगाने की तैयारी, 40 फीसद तक आयात शुल्क लगाने का प्रस्ताव
सोलर उद्योग से जुड़े कुछ उपकरणों पर तो अक्टूबर 2020 से ही आयात शुल्क लगाये जाएंगे जबकि कुछ उपकरणों पर जुलाई 2021 से बेसिक सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। pic pixabay
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोलर इंडस्ट्री से चीनी कंपनियों को बाहर करने और भारतीय कंपनियों को मजबूत करने के लिए उद्देश्य से नरेंद्र मोदी सरकार सोलर मॉड्यूल्स, सोलर सेल्स और इन्वर्टर्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाने का ऐलान किया जाएगा। वैसे रिनीवल ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्री आर के सिंह ने पहले ही इस बारे में अपनी मंशा जता दी थी लेकिन अंतिम फैसला गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत बुलाई गई एक अहम बैठक में की गई है।
सोलर उद्योग से जुड़े कुछ उपकरणों पर तो अक्टूबर, 2020 से ही आयात शुल्क लगाये जाएंगे जबकि कुछ उपकरणों पर जुलाई, 2021 से बेसिक सीमा शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया जा रहा है। भारत में लगाये जाने वाले सोलर परियोजनाओं में 70 से 90 फीसद तक उपकरण चीन निर्मित होते हैं। सीमा शुल्क लग जाने के बाद इनका आयात महंगा होगा और कंपनियां भारत में ही इन उत्पादों को लगाने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
सूत्रों के मुताबिक पीएमओ, वित्त मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय और एमएनआरई के बीच कई चरणों की बातचीत के बात यह सहमति बनी है कि सोलर मॉड्यूल्स पर 10 फीसद और सोलर इवर्टर्स पर 20 फीसद की बेसिक ड्यूटी अक्टूबर, 2020 से लागू होनी चाहिए। जबकि मॉड्यूल्स पर सीमा शुल्क की दर जुलाई, 2021 से बढ़ा कर 40 फीसद करने और सेल्स पर 25 फीसद का सीमा शुल्क लगाने का भी प्रस्ताव है। अभी सोलर सेल्स, माॉड्यल्स और इंवरटर्स पर 15 फीसदी की दर से सेफगार्ड ड्यूटी लगी हुई है। हाल ही में इन्हें 29 जुलाई, 2021 तक लगाए रखने का फैसला किया गया है।
सरकार मानती है कि यह आत्मनिर्भर भारत स्कीम को बढ़ावा देगा और अब जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ऊर्जा उत्पादक देश बनने की तरफ बढ़ रहा है तब इसका फायदा घरेलू उद्योग को भी होगा।बिजली व रिनीवल मंत्री आर के सिंह ने जुलाई, 2020 में कहा था कि भारत पावर सेक्टर में चीन से आयात को घटाने के लिए कदम उठाएगा। बिजली सेक्टर देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है इस वजह से भी सरकार इसमें घरेलू मैन्यफैक्चरिंग को बढ़ावा देने जुटी हुई है। वैसे सरकार का यह कदम कितना कारगर साबित होगा, यह तो भविष्य में पता चलेगा। जहां तक भारतीय सोलर कंपनियों का सवाल है तो उनका कहना है कि 40-50 फीसद बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाने के बाद ही आयातित सोलर ऊर्जा उत्पादों पर प्रतिबंध लगेगा।