दिल्ली, मुंबई में प्रोपर्टी की कीमत में आ सकती है चेन्नई, बेंगलुरु से ज्यादा गिरावटः सर्वे
देशभर में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसे में मांग में कमी की वजह से भारत में मकान की कीमतों में तीन माह पहले के अनुमान की तुलना में अधिक तेज दर से गिरावट देखने को मिल सकती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देशभर में कोरोनावायरस के मामलों में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। दूसरी ओर, अब तक के उपलब्ध रिकॉर्ड के मुताबिक सबसे अधिक दर से संकुचन का सामना कर रही अर्थव्यवस्था में मांग में कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में भारत में मकान की कीमतों में तीन माह पहले के अनुमान की तुलना में अधिक तेज दर से गिरावट देखने को मिल सकती है। रायटर्स के एक सर्वेक्षण में यह रुझान सामने आया है।
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक भारत में महामारी आने से भी पहले जनवरी-मार्च तिमाही में ही मकान की कीमतों में एक फीसद की गिरावट आ चुकी थी।
इस सर्वेक्षण के मुताबिक देश में कोरोनावायरस के तेज गति से प्रसार की वजह से बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां गई हैं, लगभग हर सेक्टर में वेतन में कटौती देखने को मिली है और बड़े शहरों से बड़े पैमाने पर लोगों का माइग्रेशन हुआ है। इन वजहों से अधिकतर नई आवासीय परियोजनाएं या तो बिकी नहीं हैं या विलंबित हैं।
रायटर्स द्वारा 16 से 28 सितंबर के मध्य 15 विश्लेषकों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक जॉब मार्केट और आवासीय बाजार से जुड़ी गतिवधियों में मंदी की वजह से मांग में कमी आने की संभावना है। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले समय में जल्द रिकवरी की संभावना नहीं है।
इस सर्वेक्षण में अनुमान जताया गया है कि इस साल मकान की औसत कीमत में 6.0 फीसद और अगले साल 3.0 फीसद तक की कमी आ सकती है। यह अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक पहली वार्षिक गिरावट होगी। तीन माह पहले के सर्वेक्षण में इस साल कीमतों में पांच फीसद और अगले साल तीन फीसद की गिरावट का अनुमान लगाया गया था।
कुशमैन वेकफील्ड में शोध विभाग के प्रमुख रोहन शर्मा ने कहा, ''कोविड-19 का असर आवासीय सेक्टर पर बहुत अधिक देखने को मिला है। बिक्री की गतिविधियों की बात की जाए तो केवल रेडी टू मूव इंवेंट्री में ही कुछ सकारात्मक संकेत नजर आ रहे हैं।''
उन्होंने कहा, ''निर्माणाधीन और ऐसे मकान अब भी दबाव में हैं, जो बिके नहीं हैं।''
इस सर्वेक्षण के मुताबिक मुंबई में मकान के दाम में 7.5 फीसद की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसी तरह दिल्ली में सात फीसद, चेन्नई में पांच फीसद और बेंगलुरु में 3.5 फीसद की कमी देखने को मिल सकती है। जून के सर्वे में मुंबई में कीमतों में 7.3 फीसद, दिल्ली में 7.0 फीसद, चेन्नई में तीन फीसद और बेंगलुरु में तीन फीसद का अनुमान जाहिर किया गया था।