फंसे कर्ज को वसूलने की प्रक्रिया होगी तेज
कानून में बदलाव के बाद देश में सभी ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ऑनलाइन हो जाएंगे। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति देश-विदेश में कहीं से भी ऋण संबंधी विवाद से जुड़े दस्तावेज डीआरटी में ऑनलाइन ही दाखिल कर सकेंगे
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली शीघ्र सुनिश्चित करने और कारोबार की प्रक्रिया सरल बनाने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सरकार ऋण वसूली कानून में महत्वपूर्ण संशोधन करने जा रही है। इस कानून में बदलाव के बाद देश में सभी ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ऑनलाइन हो जाएंगे। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति देश-विदेश में कहीं से भी ऋण संबंधी विवाद से जुड़े दस्तावेज डीआरटी में ऑनलाइन ही दाखिल कर सकेंगे। इससे न सिर्फ ऋण वसूली की प्रक्रिया में तेजी आएगी बल्कि देश में व्यवसाय की प्रक्रिया आसान बनाने की दिशा में भी यह बड़ा कदम होगा।
सूत्रों ने कहा कि सरकार 'द रिकवरी ऑफ डेट ड्यू टू बैंक्स एंड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस एक्ट 1993' में संशोधन के लिए संसद के मौजूदा सत्र में ही एक विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है। वित्त मंत्रालय ने इस विधेयक का मसौदा तैयार कर लिया है। कानून मंत्रालय, रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग इस विधेयक के मसौदे पर अपनी टिप्पणी दे चुके हैं। कैबिनेट की मंजूरी के साथ ही इसे संसद के मौजूदा सत्र में पेश कर दिया जाएगा।
विधेयक की सबसे अहम बात यह है कि इससे डीआरटी के तंत्र को मजबूती मिलेगी और उनकी कार्यवाही आनलाइन हो जाएगा। इससे कोई भी व्यकित कहीं से भी किसी मामले से जुड़े दस्तावेज डीआरटी में फाइल कर सकेगा। इस तरह इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग की सुविधा वाले यह पहले ट्रिब्यूनल होंगे।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को यह संशोधन लाने की जरूरत इसलिए पड़ी है कि क्योंकि फिलहाल डीआरटी में लंबित मामलों को निपटाने में काफी वक्त लगता है। प्रस्तावित बदलाव से यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि डीआरटी में देशभर में 75,000 मामले लंबित हैं। इन मामलों में बैंकों और वित्तीय संस्थानों का करीब पांच लाख करोड़ रुपये फंसा है। दूसरी ओर डीआरटी के माध्यम से ऋण वसूली भी कुछ खास उत्साहजनक नहीं है। डीआरटी में जो भी मामले जाते हैं उसमें से बमुश्किल 8 से 10 प्रतिशत ऋण वसूली ही हो पाती है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में 33 डीआरटी और बेंगलुरु, चंडीगढ़, देहरादून, एर्नाकुलम, हैदराबाद और सिलीगुड़ी में छह और डीआरटी स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा 5 अपीलीय डीआरटी हैं जो इलाहबाद, चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में हैं।
सूत्रों ने कहा कि सरकार 'द सीक्युरिटाइजेशन एंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनेंशियल एसेट्स एंड एन्फॉर्समेंट ऑफ सीक्युरिटी इंटरेस्ट एक्ट' (सरफेसी ) कानून, 2002 में भी संशोधन करने जा रही है। इसमें महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए जिला मजिस्ट्रेट के लिए ऋण की वसूली के मामलों में एक महीने के भीतर निर्णय देना होगा। इससे मामलों का त्वरित निपटान हो सकेगा।
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