PPF, Sukanya Samriddhi, NPS खातों में न्यूनतम राशि डालने का आज आखिरी दिन, वरना झेलना पड़ेगा जुर्माना
वित्त वर्ष 2020-21 का आज आखिरी दिन है। यह कई लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि यह पूरे वित्त वर्ष के क्लोजिंग का दिन होता है। इसी तरह कुछ सेविंग और इंवेस्टमेंट स्कीम में मिनिमम अमाउंट जमा करने की भी आज आखिरी तारीख है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त वर्ष 2020-21 का आज आखिरी दिन है। यह कई लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि यह पूरे वित्त वर्ष के क्लोजिंग का दिन होता है। इसी तरह कुछ सेविंग और इंवेस्टमेंट स्कीम में मिनिमम अमाउंट जमा करने की भी आज आखिरी तारीख है। पिछला पूरा वर्ष कोविड-19 की वजह से प्रभावित रहा। इस घातक वायरस संक्रमण की वजह से लोगों की सेहत के साथ आमदनी पर भी प्रतिकूल असर देखने को मिला। ऐसे में बहुत संभव है कि आप ऐसी स्कीम में निवेश करना भूल गए हों, जिनमें आप हर साल निवेश करते थे। हालांकि, अगर आप किसी तरह के जुर्माने से बचना चाहते हैं तो ऐसी योजनाओं में न्यूनतम धनराशि जमा करने की आज की तारीख मिस करना आपको भारी पड़ सकता है।
आइए ऐसी कुछ स्कीम्स पर नजर डालते हैंः
Sukanya Samriddhi Account
यह बच्चियों से जुड़ी जमा योजना है। सुकन्या समृद्धि अकाउंट (Sukanya Samriddhi Account) को एक्टिव बनाए रखने के लिए हर वित्त वर्ष में कम-से-कम 250 रुपये का निवेश करना होता है। ऐसा नहीं करने पर अकाउंट चालू नहीं रहता है। इसके बाद 50 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना भरकर आप इस स्कीम में निवेश को फिर से जारी रख सकते हैं।
NPS
यह सरकार द्वारा चलाए जाने वाली निवेश योजना है। एनपीएस में टीयर-1 और टीयर-2 के रूप में दो तरह के अकाउंट होते हैं। टीयर-1 मुख्य रूप से पेंशन अकाउंट होता है। वहीं, टीयर-2 को इंवेस्टमेंट अकाउंट कहा जाता है। टीयर-1 स्कीम में हर साल 500 रुपये और टीयर-2 में न्यूनतम 250 रुपये जमा करने की जरूरत होती है। अगर किसी भी वित्त वर्ष में आप न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं तो आपका अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है।
PPF
पब्लिक प्रोविडेंट फंड मुख्य रूप से लोगों के रिटायरमेंट को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई स्कीम है। पीपीएफ अकाउंट को सक्रिय रखने के लिए सब्सक्राइबर्स को हर वित्त वर्ष में 500 रुपये का न्यूनतम भुगतान करना होता है। ऐसा नहीं करने पर आपका अकाउंट डॉरमेंट हो जाता है। विश्लेषकों के मुताबिक मिनिमम अमाउंट जमा नहीं करने पर सब्सक्राइबर्स को जुर्माना भरना पड़ता है।
यह स्कीम देश में काफी पॉपुलर है। इसकी वजह यह है कि इस स्कीम में सब्सक्राइबर को टैक्स में बड़ी छूट मिलती है क्योंकि यह EEE (एक्जेम्ट, एक्जेम्ट, एक्जेम्ट) के साथ आने वाली स्कीम है। इसका मतलब हुआ कि इस स्कीम में निवेश करने पर हर साल टैक्स छूट का लाभ मिलता है। इसके साथ ही निवेश की अवधि में अर्जित ब्याज और मेच्योरिटी के समय मिलने वाले कुल रकम पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है।