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खुद का रोजगार करने वालों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है PPF Scheme, तैयार होगा बड़ा फंड

PPF योजना लंबे समय के आर्थिक लक्ष्य के लिए है। इस योजना में निवेश कर ग्राहक आसानी से रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 06:53 AM (IST)
खुद का रोजगार करने वालों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है PPF Scheme, तैयार होगा बड़ा फंड
खुद का रोजगार करने वालों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है PPF Scheme, तैयार होगा बड़ा फंड

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ईपीएफओ की भविष्य निधि योजना पीपीएफ को खुद का रोजगार करने वाले लोगों के वृद्धावस्था के समय में आर्थिक जरूरतों की पूर्ती का काफी बेहतर साधन माना जाता रहा है। हालांकि, इस योजना पर मिलने वाली ब्याज दर में समय के साथ काफी गिरावट आई है। हाल ही में कुछ सप्ताह पहले इस योजना की ब्याज दर में कटौती कर इसे 7.1 फीसद कर दिया गया है। वहीं, एक समय ऐसा भी था, जब इस योजना में 12 फीसद की दर से ब्याज मिलता था। 

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पीपीएफ की सबसे अच्छी बात यह है कि यह टैक्स फ्री EEE स्टेटस के साथ आती है। अर्थात इस योजना में तीन जगह कर में छूट मिलती है। इस योजना में एक साल में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश, ब्याज आय और मैच्योरिटी की राशि टैक्स फ्री होती है। आइए जानते हैं कि इस योजना के और क्या-क्या फायदे हैं।

रिटायरमेंट फंड बनाने में मिलती है मदद

पीपीएफ में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है। अर्थात यह योजना लंबे समय के आर्थिक लक्ष्य के लिए है। इस योजना में निवेश कर ग्राहक आसानी से रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं। लंबी लॉक-इन अवधि होने के कारण ग्राहक अपनी शॉर्ट-टर्म की वित्तीय जरूरतों के लिए इस फंड पर निर्भर नहीं रह सकते हैं, इससे वे आसानी से एक बड़ा रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं। हालांकि, इस योजना में ग्राहक तीसरे वित्तीय वर्ष से छठे वित्तीय वर्ष के अंत तक की अवधि में अपने पीपीएफ अकाउंट पर लोन ले सकते हैं। इस लोन पर ब्याज दर एक फीसद ली जाती है। पीपीएफ अकाउंट पर लोने लेते समय ग्राहक यह ध्यान रखें कि जब तक लोन नहीं चुका दिया जाता, तब तक आपके पीपीएफ अकाउंट से ब्याज आय नहीं हो पाती है। इसलिए जब तक बहुत ज्यादा जरूरत ना हो, तब तक पीपीएफ अकाउंट पर लोन लेने से बचना चाहिए।

स्वरोजगार करने वाले लोगों के लिए बेहतर है यह योजना

वेतनभोगी लोगों के लिए ईपीएफ यानी कर्मचारी भविष्य निधि एक अच्छी योजना है। इसके माध्यम से कर्मचारी कुछ हद तक अपने रिटायरमेंट फंड की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं। अगर आपको और अधिक बड़े रिटायरमेंट फंड की आवश्यकता है, तो आप वीपीएफ के जरिए भविष्य निधि के लिए अपना योगदान बढ़ा सकते हैं। वीपीएफ की एक खास बात यह है कि इसमें ब्याज दर भी थोड़ी अधिक मिल जाती है। लेकिन अगर कोई स्व रोजगार करने वाला व्यक्ति है, तो वह पीपीएफ योजना में निवेश करके रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकता है। अंसगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोग भी यहां अपना अकाउंट खुलवा सकते हैं। इस तरह गैर-वेतनभोगी लोग ईपीएफ और वीपीएफ के स्थान पर पीपीएफ में निवेश कर बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। पीपीएफ भी ईफीएफ और वीपीएफ की तरह ही जोखिम रहित निवेश योजना है।


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