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PNB ने कहा- मोरेटोरियम स्थाई हल नहीं, खुदरा ग्राहकों के लोन पर माह के अंत तक लेगा फैसला

PNB ने कहा है कि होम ऑटो जैसे पर्सनल लोन ग्राहकों को कर्ज अदायगी में राहत देने के बारे में फैसला इस माह के अंत तक किया जाएगा।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 09:48 AM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 09:49 AM (IST)
PNB ने कहा- मोरेटोरियम स्थाई हल नहीं, खुदरा ग्राहकों के लोन पर माह के अंत तक लेगा फैसला
PNB ने कहा- मोरेटोरियम स्थाई हल नहीं, खुदरा ग्राहकों के लोन पर माह के अंत तक लेगा फैसला

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के दूसरे सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने भी सरकार से आग्रह किया है कि वह 31 अगस्त, 2020 के बाद सावधि कर्ज पर लगे मोरेटोरियम (Moratorium) को आगे नहीं बढ़ाए। एचडीएफसी बैंक के बाद यह देश का दूसरा बड़ा बैंक हो गया है जिसने इस तरह का आग्रह किया है। वैसे रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों कॉरपोरेट लोन, पर्सनल लोन से जुड़े सभी तरह के सावधि कर्ज की अदाएगी को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है लेकिन राजनीतिक स्तर पर 1 मार्च, 2020 से सावधि कर्ज पर लगी रोक (Moratorium) की अवधि आगे बढ़ाने की बात हो रही है। 

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PNB ने कहा है कि होम, ऑटो जैसे पर्सनल लोन ग्राहकों को कर्ज अदायगी में राहत देने के बारे में फैसला इस माह के अंत तक किया जाएगा। राव ने बताया कि ऑटो लोन या पर्सनल लोन लेन वाले उनके ज्यादातर ग्राहक वेतन भोगी हैं। इनमें सरकारी कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है। इन सभी को पिछले छह महीने से मोरेटोरियम का फायदा मिल रहा है यानी इन ग्राहकों ने अपने कर्ज की मासिक किस्त नहीं चुकाई है। आगे हम हर ग्राहक के मामले को उसके आधार पर देखा जाएगा कि उसे राहत की जरूरत है या नहीं। जिनका वेतन प्रभावित हुआ है उन्हें राहत देने की व्यवस्था की जा सकती है। इस बारे में अलग से नियम बनाया जाएगा। जहां तक कारपोरेट लोन का सवाल है तो इसका समाधान रिस्ट्रक्चरिंग से ही निकलेगा। 

RBI की तरफ से गठित कामथ समिति की सिफारिशों के आधार पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन खातों पर फैसला करेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि 40 हजार करोड़ रुपये के लोन का रिस्ट्रक्चरिंग (ग्राहक को नए सिरे से व नई शर्तो के साथ कर्ज चुकाने का अवसर देना) करना पड़ सकता है। राव के मुताबिक ''अभी पीएनबी का लोन बुक 7.21 लाख करोड़ रुपये का है। इसमें 1.27 लाख करोड़ रुपये एमएसएमई सेक्टर को दिया गया है। 14 फीसद एनपीए है। मोटे तौर पर 5-6 फीसद रिस्ट्रक्चरिंग के आ सकता है।'' 

राव ने माना है कि कोविड-19 की वजह से जो स्थिति बनी है उससे एनपीए अगले दो से तीन तिमाहियों तक बढ़ेंगे। जून, 2020 को समाप्त तिमाही में कुल अग्रिम के मुकाबले नेट एनपीए का स्तर 5.39 फीसद था जबकि जून, 2019 में यह 7.17 फीसद था। वैसे अक्टूबर, 2020 के बाद से इकोनोमी में तेजी से सुधार आने की संभावना है और उसके बाद स्थिति बदल सकती है। पीएनबी का आकलन है कि पर्यटन, एविएशन जैसे कुछ सेक्टर को छोड़ दें तो इकोनोमी के अधिकांश सेक्टर में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2020) से स्थिति बेहतर होने लगेगी।


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