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PMC Bank Scam : अब 78% जमाकर्ता बैंक से निकाल सकेंगे अपनी पूरी रकम, वित्‍त मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान

PMC Bank Scam वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस बैंक के 78 फीसद जमाकर्ताओं को अब अपनी पूरी रकम बैंक से निकालने की अनुमति है।

By Manish MishraEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 03:49 PM (IST)
PMC Bank Scam : अब 78% जमाकर्ता बैंक से निकाल सकेंगे अपनी पूरी रकम, वित्‍त मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान
PMC Bank Scam : अब 78% जमाकर्ता बैंक से निकाल सकेंगे अपनी पूरी रकम, वित्‍त मंत्री ने लोकसभा में दिया बयान

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। PMC Bank (पंजाब एंड महाराष्‍ट्र कोऑपरेटिव बैंक) सोमवार को एक बार फिर सुर्खियों में तब आया जब लोकसभा में इस पर वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बयान दिया। वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पंजाब एंड महाराष्‍ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले (PMC Bank Scam) के बारे में लोकसभा में कहा कि बैंक के 78 फीसद जमाकर्ताओं को अब अपनी पूरी रकम बैंक से निकालने की अनुमति है। 

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उन्‍होंने कहा कि जहां तक बैंक के प्रमोटर्स की बात है तो हमने यह सुनिश्चित किया है कि उनकी जब्‍त की गई संपत्तियां कुछ खास शर्तों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी जा सकती है, ताकि इन संपत्तियों की निलामी की जा सके और इससे प्राप्‍त राशि जमाकर्ताओं को दी जा सके।

पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) घोटाले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले महीने दो ऑडिटर्स को गिरफ्तार किया था। अब तक इस मामले में सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बैंक के शीर्ष प्रबंधन और एचडीआइएल के प्रमोटरों समेत पांच लोग पहले गिरफ्तार किए गए थे।

PMC Bank में घोटाले के वक्त दोनों ऑडिटर जयेश संघानी और केतन लकड़ावाला ऑडिटर के तौर पर कार्यरत थे और उन्होंने अनियमितताओं को छिपाने में बैंक के कुछ शीर्ष अधिकारियों के साथ महत्‍पपूर्ण भूमिका निभाई थी। बता दें कि पीएमसी बैंक में फाइनेंशियल फ्रॉड लगभग एक दशक से चल रहा था।

जांच अधिकारियों के अनुसार, जॉय थॉमस की अगुआई में बैंक प्रबंधन ने कंस्ट्रक्शन कंपनी HDIL को फंड दिलाने के लिए हजारों फर्जी अकाउंट खोले हुए थे। यह खेल करीब 10 साल से चल रहा था। नियामक को शुरुआत में पता चला कि थॉमस और प्रबंधन के कुछ लोगों ने मिलकर 4,226 करोड़ रुपये (बैंक के कुल कर्ज का 73 फीसद हिस्सा) सिर्फ एक ही कंपनी एचडीआइल को दिया थे जो दिवालिया हो गई है।


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