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PMC Bank के खाताधारकों का संकट नहीं हुआ खत्‍म, अब बैंकिंग विनियमन अधिनियम संशोधन से है उम्मीद

PMC Bank संकट का बुधवार को एक वर्ष बीत गया। बैंक में अपनी गाढ़ी कमाई जमा करने वाले लोगों का कहना है कि अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। RBI के निर्देशानुसार जमाकर्ताओं को 1 वर्ष में अधिकतम एक लाख रुपये की निकासी की ही इजाजत है।

By Manish MishraEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:45 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:45 AM (IST)
PMC Bank के खाताधारकों का संकट नहीं हुआ खत्‍म, अब बैंकिंग विनियमन अधिनियम संशोधन से है उम्मीद
PMC Bank बैंक संकट का बुधवार को एक वर्ष बीत गया।

मुंबई, पीटीआइ। पंजाब एवं महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC Bank) बैंक संकट का बुधवार को एक वर्ष बीत गया। बैंक में अपनी गाढ़ी कमाई जमा करने वाले लोगों का कहना है कि इतने समय में भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार, जमाकर्ताओं को एक वर्ष में अधिकतम एक लाख रुपये की निकासी की ही इजाजत है। 

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बैंक में जमा अपने धन को निकाल पाने में असमर्थ ग्राहकों का कहना है कि इस दिशा में उनके द्वारा की गई सारी कोशिशें अब तक बेकार गई हैं। उन्हें हालांकि हाल ही में संसद से पारित बैंकिंग विनियमन अधिनियम संशोधन से उम्मीद जगी है। संशोधन के जरिये को-ऑपरेटिव बैंकों को आरबीआइ के दायरे में लाने का प्रयास किया गया है।

बता दें कि पीएमसी बैंक में भारी मात्रा में हुईं अनियमितताएं 23 सितंबर, 2019 को प्रकाश में आई थीं। बैंक के अधिकारियों द्वारा भारी-भरकम मात्रा में कर्ज बांटे जाने की जानकारी छिपाई गई थीं। यह कर्ज भी तब तक एनपीए में तब्दील हो चुका था। मामले में बैंक के कई शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

घोटाले का पता चलते ही आरबीआइ ने बैंक के बोर्ड को अपने अधीन कर लिया। शुरू में ग्राहकों को महज एक हजार रुपये निकालने की इजाजत मिली थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया। जमाकर्ताओं का कहना है कि सालभर में महज एक लाख रुपये से उनकी मुश्किलें नहीं दूर हो पा रही हैं।


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