पीएम नरेंद्र मोदी ईमानदार करदाताओं के लिए कल लांच करेंगे विशेष प्लेटफॉर्म, बजट में हुआ था एलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के अपने बजट भाषण में इस प्लेटफॉर्म को लेकर घोषणा की थी। (PC ANI)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के ईमानदार करदाताओं के लिए एक प्लेटफॉर्म की शुरुआत गुरुवार को करेंगे। स्वतंत्रता दिवस से पहले वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'ट्रांसपेरेंट टैक्सेशन-ऑनरिंग द ऑनेस्ट' नामक प्लेटफॉर्म की शुरुआत करेंगे। एक फरवरी को पेश वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में 'टैक्सपेयर चार्टर' की घोषणा हुई थी। सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत प्रत्यक्ष कर सुधार की दिशा में उठाया गया एक और कदम है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी हिस्सा लेंगे। इनके अलावा विभिन्न उद्योग मंडलों के प्रतिनिधि, ट्रेड एसोसिएशन, चार्टर्ड अकाउंट एसोसिएशन और प्रमुख करदाता भी हिस्सा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व में यह बात कह चुकी हैं कि करदाता राष्ट्र के निर्माता हैं और सरकार उनके लिए अधिकारों का एक चार्टर लेकर आएगी। वित्त मंत्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री टैक्सपेयर्स को 'राष्ट्र-निर्माता' करार देते हैं।
Prime Minister Narendra Modi to launch the platform for “Transparent Taxation – Honoring the Honest” via video-conferencing tomorrow. (file pic) pic.twitter.com/QvLEq0kWWi
— ANI (@ANI) August 12, 2020
आइए जानते हैं कि सरकार ने अब तक कर सुधारों को लेकर कौन-कौन से कदम उठाए हैंः
- पिछले साल कॉरपोरेट टैक्स की दरों को 30 फीसद से घटाकर 22 फीसद कर दिया गया था। इसके अलावा नई विनिर्माण इकाइयों के लिए दर को घटाकर महज 15 फीसद कर दिया गया था। साथ ही डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को खत्म कर दिया गया था।
- सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि कर सुधार करते समय टैक्स की दरों में कमी और प्रत्यक्ष कर से जुड़े नियमों को सरल बनाने पर मुख्य रूप से ध्यान रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने आयकर विभाग के कामकाज को बेहतर बनाने एवं पारदर्शिता लाने के लिए हाल में कई तरह के कदम उठाए हैं।
- इसी कड़ी में ऑफिशियल कम्युनिकेशन को लेकर अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभाग की ओर से डॉक्युमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) की शुरुआत की गई है। इसके तहत विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले हर कम्युनिकेशन पर एक कंप्यूटर जेनरेटेड यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर होता है।
- इसी तरह करदाताओं की सुविधा को देखते हुए आयकर विभाग ने आयकर रिटर्न की प्रिफिलिंग की शुरुआत की है। इससे टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में आसानी होती है। स्टार्टअप कंपनियों के लिए अनुपालन के नियमों को सरल बनाया गया है।