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हमारी टैक्स प्रणाली सरल, सुगम और भयरहित होनी चाहिएः प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैक्सपेयर्स चार्टर के तहत करदाताओं के साथ टैक्स अधिकारी उचित विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार करेंगे। (PC ANI)

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 07:35 AM (IST)
हमारी टैक्स प्रणाली सरल, सुगम और भयरहित होनी चाहिएः प्रधानमंत्री मोदी
हमारी टैक्स प्रणाली सरल, सुगम और भयरहित होनी चाहिएः प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ईमानदार करदाताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई सौगात दी। ईमानदारी से अपने टैक्स का भुगतान करने वाले लोगों के लिए टैक्स प्रणाली की नई व्यवस्था शुरू की गई जिसके तहत अब उनका फेसलेस मूल्यांकन किया जाएगा। साथ ही, टैक्सपेयर्स चार्टर भी लागू किया गया। 25 सितंबर से फेसलेस अपील की व्यवस्था भी शुरू हो जाएगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश यह है कि टैक्स प्रणाली सिमलेस, पेनलेस और फेसलेस हो। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से कर अदायगी में अपनी सहभागिता भी बढ़ाने का अपील की। उन्होंने कहा कि 130 करोड़ की आबादी वाले देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग टैक्स जमा करते हैं।

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मोदी ने कहा कि सिमलेस का मतलब है कि टैक्स प्रशासन करदाताओं को उलझाने के बजाय समस्या को सुलझाने का काम करे। पेनलेस का मतलब है, टेक्नोलॉजी से लेकर नियम तक, सबकुछ सामान्य हो। फेसलेस का मतलब है कि करदाता कौन है, टैक्स अधिकारी कौन है, इसका किसी को पता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुवार से लागू होने वाले ये कर सुधार इस सोच को आगे बढ़ाने वाला है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैक्सपेयर्स चार्टर के तहत करदाताओं के साथ टैक्स अधिकारी उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार करेंगे। आयकर विभाग को करदाताओं के सम्मान का ख्याल रखना होगा। विभाग को करदाताओं की बात पर विश्वास करना होगा। विभाग बिना किसी आधार के ही करदाताओं को शक की नजर से नहीं देख सकता। करदाताओं को अब अपील और समीक्षा का अधिकार दिया गया है। टैक्सपेयर्स चार्टर के तहत करदाताओं से भी कुछ उम्मीद की गई है। करदाताओं के लिए टैक्स देना या सरकार के लिए टैक्स लेना, यह कोई हक या अधिकार का विषय नहीं है, बल्कि यह दोनों का दायित्व है। टैक्स से ही सिस्टम चलता है और करदाताओं को भी तरक्की की सुविधाएं मिलती हैैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां जटिलताएं होती है, वहां नियम को लागू करना मुश्किल होता है। कम से कम कानून हो, जो कानून हो वो बहुत स्पष्ट हो तो करदाता भी खुश रहता है और देश भी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टैक्स सिस्टम में बुनियादी बदलाव और ढांचागत सुधार की जरूरत थी क्योंकि यह प्रणाली गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे-धीरे उसका क्रमिक विकास हुआ। थोड़े बहुत बदलाव जरूर किए गए, लेकिन प्रणाली का चरित्र वही रहा। उन्होंने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि ईमानदार करदाताओं को कठघरे में खड़ा किया जाने लगा। इनकम टैक्स का नोटिस फरमान की तरह बन गया। मोदी ने कहा कि इन विसंगतियों के बीच ब्लैक एंड व्हाइट का उद्योग भी फलता-फूलता रहा। इस व्यवस्था ने ईमानदारी से व्यापार-कारोबार करने वाले को रोजगार देने वालों को और देश की युवा शक्ति की आकांक्षाओं को प्रोत्साहित करने के बजाय कुचलने का काम किया। 


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