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मोइली के तेल बचत अभियान को अन्य मंत्रालयों का ठेंगा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। तेल बचाने के लिए पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने हफ्ते में एक दिन सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल तो शुरू कर दिया लेकिन सरकार के अन्य मंत्रालयों ने उनके सुझावों को दरकिनार कर दिया है। मोइली बुधवार को जब केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से शास्त्री भवन अपने कार्यालय पैदल जा रहे थे तब वहां स्थित अन्य मंत्रालयों के अधिकारिय

By Edited By: Published: Wed, 09 Oct 2013 10:13 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
मोइली के तेल बचत अभियान को अन्य मंत्रालयों का ठेंगा

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। तेल बचाने के लिए पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने हफ्ते में एक दिन सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल तो शुरू कर दिया लेकिन सरकार के अन्य मंत्रालयों ने उनके सुझावों को दरकिनार कर दिया है। मोइली बुधवार को जब केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से शास्त्री भवन अपने कार्यालय पैदल जा रहे थे तब वहां स्थित अन्य मंत्रालयों के अधिकारियों की कारें उनके अभियान का मजाक उड़ा रही थीं।

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मोइली ने वादे के मुताबिक अपने तुगलक रोड स्थित निवास से पेट्रोलियम मंत्रालय की यात्रा सार्वजनिक वाहन [मेट्रो] से की। उनके साथ ही पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकांश अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी बस, मेट्रो और कार पूलिंग का सहारा लिया। कुछ वरिष्ठ अधिकारी तो साइकिल से दफ्तर पहुंचे। पेट्रोलियम मंत्रालय के तहत आने वाले ओएनजीसी, आइओसी, गेल सहित तमाम कंपनियों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल किया। गेल के अध्यक्ष बीसी त्रिपाठी तो पैदल ही दफ्तर पहुंचे।

मोइली ने पिछले हफ्ते ही एलान किया था कि तेल आयात बिल में कमी के लिए वह और उनके मंत्रालय के सभी कर्मचारी हफ्ते में एक दिन सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करेंगे। मोइली ने केंद्र के सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को भी सार्वजनिक वाहन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है। मगर अभी तक एक भी मंत्रालय या राज्य सरकारों ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। मोइली ने बाद में दावा किया कि पेट्रोलियम मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल कर एक दिन में 600 लीटर पेट्रोल की बचत की है।

एलपीजी सब्सिडी को आधार जरूरी नहीं

सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के लिए फिलहाल आधार कार्ड जरूरी नहीं होगा। पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने बुधवार को कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से इसकी मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक इसकी अनिवार्यता की जरूरत नहीं है।

सरकार ने पहली जून से जब 19 जिलों में एलपीजी सब्सिडी का भुगतान सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में करने की शुरुआत की थी तो इसके लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाया गया था। फिलहाल इस योजना का विस्तार देश के 97 जिलों में किया जा चुका है। मगर सुप्रीम कोर्ट ने अपने हालिया फैसले में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए इसकी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है।


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