डेढ़ वर्ष में पेट्रोल 36 और डीजल 27 रुपये महंगा, 1 दर्जन से अधिक राज्यों में डीजल 100 रुपये से अधिक बिक रहा
लेकिन उपभोक्ताओं की आफत के बावजूद पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.9 रुपये प्रति लीटर पर कायम है और सरकार ने इसमें कोई कटौती नहीं की है। इसी तरह डीजल पर भी उत्पाद शुल्क 31.8 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल दोनों के दाम 35-35 पैसे प्रति लीटर और बढ़ गए हैं। इस वृद्धि के साथ ही मई, 2020 की शुरुआत से अब तक यानी 18 महीने से कम समय में पेट्रोल 36 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। वहीं डीजल कीमतों में 26.58 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। कीमतों में वृद्धि के बाद दिल्ली में अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 107.24 रुपये प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 95.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं, जिसका असर देश में भी दिखाई दे रहा है। देश के सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपये के पार जा चुका है। वहीं एक दर्जन से अधिक राज्यों में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है। सरकार द्वारा पाचं मई, 2020 को उत्पाद शुल्क को रिकार्ड स्तर पर बढ़ाने के बाद से पेट्रोल 35.98 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। वहीं डीजल कीमतों में 26.58 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 19 डालर प्रति बैरल के रिकार्ड स्तर पर गिरने और उपभोक्ताओं को मिली राहत को देखते हुए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था। हालांकि, उसकेबाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 85 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गए हैं।
लेकिन उपभोक्ताओं की आफत के बावजूद पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.9 रुपये प्रति लीटर पर कायम है और सरकार ने इसमें कोई कटौती नहीं की है। इसी तरह डीजल पर भी उत्पाद शुल्क 31.8 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है। बता दें कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा था कि वाहन ईधन पर उत्पाद शुल्क कटौती 'अपने पैर पर कुल्हाड़ी' मारने के जैसा होगा। उन्होंने कहा था कि पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले कर से जो पैसा सरकार को मिलता है तो उससे मुफ्त कोरोना टीकाकरण, अनाज और रसोई गैस वितरण जैसी योजनाएं चल रही हैं।
उत्पाद शुल्क कटौती पर उन्होंने कहा था, 'मैं वित्त मंत्री नहीं हूं, इसलिए इसका जवाब देना उचित नहीं होगा। जो 32 रुपये प्रति लीटर हम जुटा रहे हैं, उससे हम कल्याण योजनाएं चला रहे हैं। इनमें एक अरब टीकाकरण भी शामिल है।'