Petrol-Diesel की ऊंची कीमतों से क्या भारतीयों को नहीं पड़ता फर्क, जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
Petrol-Diesel की डिमांड फिर चढ़ेगी। क्योंकि लोग नए वाहन खरीदने के साथ घूमने-फिरने पर भी जबर्दस्त तरीके से खर्च कर रहे हैं। SIAM के आंकड़े भी बताते हैं कि जुलाई में पैसेंजर कार व्हीकल की सेल बढ़ गई है।
नई दिल्ली, रायटर्स। इस साल Petrol-Diesel की डिमांड फिर चढ़ेगी। क्योंकि ज्यादातर लोग खुद की सवारी करने के लिए न सिर्फ नए वाहन खरीद रहे हैं बल्कि Covid 19 की पाबंदी हटने के बाद घूमने-फिरने पर भी जबर्दस्त तरीके से खर्च कर रहे हैं। Covid के बाद भारतीय अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सजग हो गए हैं। वे अपने पर्सनल व्हीकल से घूमने जा रहे हैं, वह भी तब जब ईंधन की कीमतें सबसे उच्च स्तर पर हैं।
SIAM के हालिया आंकड़ों पर निगाह डालें तो जुलाई में पैसेंजर व्हीकल सेल 45 फीसद उछलकर 2,64,442 यूनिट रही। इससे उम्मीद है कि आने वाले महीनों में पेट्रोल और डीजल की डिमांड और बढ़ेगी। तेल कंपनियों को बड़ी मात्रा में तेल आयात करना पड़ेगा। इंडियन रिफाइनरीज ने डीजल का प्रोडक्शन बढ़ा दिया है। हालांकि उसकी डिमांड अभी पहले से कम है।
एक तेल कंपनी के अधिकारी ने कहा कि अगर डिमांड ऐसे ही बढ़ी तो हमें पेट्रोल का आयात बढ़ाना पड़ सकता है। क्रूड का इम्पोर्ट इसलिए नहीं बढ़ा सकते क्योंकि कुछ रिफाइनरी के पास डीजल काफी भरा पड़ा है।
समाचार एजेंसी Pti के आंकड़ों के मुताबिक Indian Oil समेत दूसरी कंपनियों के आंकड़ों के अनुसार, इन्होंने अगस्त में 24.3 लाख टन पेट्रोल बेचा। यह एक साल पहले की समान अवधि से 13.6 प्रतिशत ज्यादा है। इसके साथ ही पेट्रोल की बिक्री का आंकड़ा महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर चुका है। अगस्त, 2019 में पेट्रोल की बिक्री 23.3 लाख टन रही थी।
Credit rating agency ICRA के मुताबिक भारत का गैसोलिन कंज्मशन इस कारोबारी साल में 14 फीसद तक बढ़ सकता है। यह आंकड़ा ऑयल मिनिस्ट्री के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के 12.2 फीसद के अनुमान से ज्यादा है। कंसल्टेंसी FGE के अनुमान के मुताबिक अक्टूबर से दिसंबर के बीच गैसोलिन डिमांड 740000 bpd से बढ़कर 760000 bpd हो जाएगी।
FGE एशिया ऑयल के निदेशक श्री परविकारासु के मुताबिक पर्सनल कार रखना स्टेट्स सिंबल है लेकिन Pandemic में घूमने-फिरने की चाह को भी पूरा करती है। लोगों के नई कार या दूसरे वाहन खरीदने से Petrol-Diesel की डिमांड बढ़ रही है।