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कृषि भूमि उपयोग के नियम ढीले करें राज्य

औद्योगीकरण बढ़ाने की खातिर जमीन पट्टे पर देने के नियमों में ढील दे रहे राज्यों को अन्य उद्देश्यों के लिए भी कृषि भूमि उपयोग संबंधी नियमों में ढील देनी चाहिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगडि़या ने राज्यों को यह सुझाव दिया है। नीति आयोग की वेबसाइट पर पानगडि़या ने ब्लॉग

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2015 10:01 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2015 11:10 PM (IST)
कृषि भूमि उपयोग के नियम ढीले करें राज्य

नई दिल्ली। औद्योगीकरण बढ़ाने की खातिर जमीन पट्टे पर देने के नियमों में ढील दे रहे राज्यों को अन्य उद्देश्यों के लिए भी कृषि भूमि उपयोग संबंधी नियमों में ढील देनी चाहिए। नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगडि़या ने राज्यों को यह सुझाव दिया है।

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नीति आयोग की वेबसाइट पर पानगडि़या ने ब्लॉग पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने कहा कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत भूमि अधिग्रहण में कई तरह की दिक्कतें हैं। इस संदर्भ में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे राज्य इसके साथ ही दूसरे गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए भी कृषि भूमि के उपयोग को उदार बनाकर लाभ उठा सकते हैं। कृषि भूमि का गैर-कृषि उपयोग में परिवर्तन के लिए उचित प्राधिकरण से मंजूरी की आवश्यकता होती है। इसमें लंबा समय लगता है। इस मुद्दे का समाधान करने की खातिर राज्य या तो कानून में संशोधन कर या कृषि भूमि उपयोग के परिवर्तन के लिए समयबद्ध तरीके से मंजूरी की व्यवस्था कर सकते हैं।

सुधारों की चल रही प्रक्रिया ने औद्योगीकरण के लिए कई दरवाजे खोल दिए हैं। लंबी अवधि के भूमि पट्टों ने इसके मालिकों को मालिकाना हक रखते हुए अपनी भूमि किराये पर देने का रास्ता खोला है। पट्टे की मियाद पूरी होने पर इसके स्वामी के पास लीज की शर्तों पर दोबारा बातचीत का अधिकार होगा।

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