PACL के 12.7 लाख निवेशकों को वापस मिल गई रकम, सेबी द्वारा गठित समिति ने निवेशकों को लौटाए 438 करोड़ रुपये
PACL Refund सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने निवेशकों की रकम चरणबद्ध तरीके से लौटाने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। समिति ने फरवरी 2019 में पीएसीएल निवेशकों को अपनी रकम वापस हासिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन देने को कहा था।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि पीएसीएल (PACL) के 12.7 लाख से अधिक निवेशकों को उनकी रकम वापस मिल गई है। नियामक के मुताबिक, जिन निवेशकों ने 10,000 रुपये तक का दावा किया था, सत्यापन के बाद उनकी रकम उन्हें लौटा दी गई है। इस मद में कुल 438 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
सेबी ने अपनी जांच में पाया था कि पीएसीएल लिमिटेड ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर निवेशकों से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटा ली थी। कंपनी ने अवैध सामूहिक निवेश योजना (सीआइएस) के माध्यम से यह रकम 18 वर्षो में जुटाई।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने निवेशकों की रकम चरणबद्ध तरीके से लौटाने के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। समिति ने फरवरी, 2019 में पीएसीएल निवेशकों को अपनी रकम वापस हासिल करने के लिए ऑनलाइन आवेदन देने को कहा था। सेबी ने एक बयान में कहा कि 31 मार्च, 2021 तक समिति ने 10,000 रुपये तक दावा करने वाले 12,70,849 योग्य आवेदनकर्ताओं को कुल 438.34 करोड़ रुपये लौटा दिए।
निवेशकों द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेज और उनके सत्यापन के बाद भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई थी। समिति ने निवेशकों को आवेदनों में विसंगतियां दूर करने के भी कई मौके दिए। निवेशकों के लिए इस सुविधा की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2021 थी। सेबी ने ताजा बयान में कहा कि फिलहाल दावा आवेदनों में गलतियों को सुधारने की सुविधा उपलब्ध नहीं है और निवेशकों को इस बारे में समिति की अधिसूचना का इंतजार करना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि नियामक ने 22 अगस्त, 2014 को पीएसीएल, उसके प्रवर्तकों तथा निदेशकों को निर्देश दिया था कि वे निवेशकों की रकम लौटा दें। इनसे योजनाएं बंद करने तथा निवेशकों की रकम तीन महीने के भीतर लौटाने को कहा गया था। सेबी ने निवेशकों की रकम लौटाने में विफल रहने पर पीएसीएल, उसके प्रमोटर्स और निदेशकों की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिसंबर, 2015 में दिया था।