सिर्फ मजबूत NBFCs के लिए ही फंड का इंतजाम, केंद्र की तरफ से घोषित 30000 करोड़ रुपये की स्कीम को लेकर RBI का दिशानिर्देश
इस दिशानिर्देश से फंड की दिक्कत ज्यादा महसूस कर रहे एनबीएफसी और एचएफसी को कोई राहत नहीं मिलने वाली क्योंकि इसमें इस बात की पूरी गारंटी की गई है
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) के लिए 30 हजार करोड़ रुपये का फंड जुटाने का ऐलान किया था। बुधवार को RBI नेे इस ऐलान को लागू करने संबंधी आवश्यक दिशानिर्देश लागू कर दिए। इस दिशानिर्देश से फंड की दिक्कत ज्यादा महसूस कर रहे एनबीएफसी और एचएफसी को कोई राहत नहीं मिलने वाली क्योंकि इसमें इस बात की पूरी गारंटी की गई है कि सिर्फ मजबूत वित्तीय रिकार्ड वाले संस्थानों को ही फंड मिले। मसलन, जिसने पिछले दो वित्त वर्षो में मुनाफा कमाया हो, जिनके पास आरबीआइ के तमाम पूंजी मानकों को पूरी करती हो आदि। इस श्रेणी के वित्तीय संस्थानों को पहले से ही बैंक व दूसरे संस्थान फंड देने को तैयार हैं।
बहरहाल, यह स्कीम एसबीआइ की सब्सिडियरी एसबीआइकैप लागू करेगी। आरबीआइ के मानकों को पूरा करने वाले एनबीएफसी व एचएफसी कम अवधि की परिपक्वता वाले प्रपत्र जारी करेंगे जिसे एसबीआइकैप खरीदेगी। इस तरह से उन्हें फंड की उपलब्धता हो जाएगी। इस फंड का इस्तेमाल उक्त संस्थान सिर्फ अपने देनदारियों क पूरा करने के लिए करेंगे।
त्ठप् के मुताबिक इसका वैसे एनबीएफसी फायदा उठा सकेंगे जिनके पूंजी पर्याप्तता स्तर का अनुपात 31 मार्च, 2019 को 15 फीसद हो। एचएफसी के लिए यह अनुपात 12 फीसद है। इनके फंसे कर्जे (एनपीए) का अनुमान 6 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। वर्ष 2017-18 और 2018-19 में से कम से कम एक वित्त वर्ष उन्होंने मुनाफा कमाया हो। साथ ही इन्हें रेटिंग एजेंसियों से निवेश लायक ग्रेड रेटिंग मिली हो।
सनद रहे कि कोविड-19 की वजह से देश की एनबीएफसी की स्थिति और खराब होने की संभावना है। मई, 2019 में जब केंद्र सरकार की तरफ से छह चरणों में देश की इकोनॉमी को सुधारने के लिए पैकेज का ऐलान किया गया था उसमें एक ऐलान 30 हजार करोड़ रुपये स्पेशल परपस व्हिक्ल (विशेष कंपनी) के जरिए देना भी शामिल था।
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