इन्फोसिस में अब सब ठीक, नंदन नीलकणि पर भरोसा: एन. आर. नारायणमूर्ति
इन्फोसिस के नये सीईओ की तलाश पर मूर्ति ने कहा कि इस बारे में नीलकणि को सलाह देने की कोई जरूरत नहीं है
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रमुख आइटी कंपनी इन्फोसिस के सह संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति ने आज कहा है कि कंपनी में अब सब कुछ ठीक है। कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलकणि में कंपनी की दिक्कतें दूर करने की कुशलता है।
वर्ष 2017-18 के लिए कंपनी के विजेताओं की घोषणा करने के बाद नारायणमूर्ति ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बिल्कुल, अब कंपनी में अच्छे हालात हैं। हमने अपने भाषण में निवेशकों से कहा है कि कंपनी में नंदन चेयरमैन हैं। हम सब निश्चिंत हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नंदन बहुत ही सुनियोजित व्यक्ति हैं। उनमें जटिल योजनाओं को आसान बनाने की क्षमता है। पहले कंपनी में तमाम तरह की जटिलताएं थीं। वह उन्हें दूर कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब कंपनी की गतिविधियां उनके भरोसे छोड़ देनी चाहिए। सभी को धैर्य रखना चाहिए ताकि वे अपना काम अच्छी तरह से पूरा कर सकें।
नारायणमूर्ति का यह बयान खासी अहमियत रखता है। कुछ समय पहले नीलकणि की कमान में कंपनी द्वारा पनाया मामले में क्लीन चिट दिये जाने के बाद उन्होंने निराशा जताई थी। इजरायली टेक्नोलॉजी कंपनी पनाया को 20 करोड़ डॉलर (करीब 1300 करोड़ रुपये) में इन्फोसिस ने अधिग्रहीत किया था। इस अधिग्रहण पर कई सवाल उठाये गये थे। मूर्ति ने पिछले 24 अक्टूबर को निराशा जताते हुए कहा था कि कंपनी में खराब गवर्नेस पर उठाये गये उनके सवालों पर बोर्ड ने कोई जवाब नहीं दिया।
इन्फोसिस के नये सीईओ की तलाश पर मूर्ति ने कहा कि इस बारे में नीलकणि को सलाह देने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह खुद ही बहुत अच्छे सीईओ हैं। इसके नाते उन्हें पता है कि कैसा सीईओ कंपनी को चाहिए। इस पद के लिए इन्फोसिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी अशोक वेमुरी समेत कई नामों की मीडिया में चर्चा चल रही थीं। हालांकि हाल में वेमुरी ने यह जिम्मेदारी स्वीकार करने से अनिच्छा जाहिर की। वेमुरी ने 2014 में इन्फोसिस छोड़ दी थी जब विशाल सिक्का को कंपनी के सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में लाया गया। कंपनी के बोर्ड और संस्थापकों के बीच लंबे समय तक चले विवाद के बाद सिक्का ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अगस्त में कंपनी में नीलकणि की वापसी हुई।