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रिटर्न न भरने वालों को मिलेगा 21 दिन का मौका, नहीं दिया जवाब तो हो सकती है कार्रवाई

सीबीडीटी ने कहा कि रिटर्न न फाइल करने वालों से आग्रह किया जाता है कि वो आकलन वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल कर दें

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 09:10 AM (IST)
रिटर्न न भरने वालों को मिलेगा 21 दिन का मौका, नहीं दिया जवाब तो हो सकती है कार्रवाई
रिटर्न न भरने वालों को मिलेगा 21 दिन का मौका, नहीं दिया जवाब तो हो सकती है कार्रवाई

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। बड़े लेनदेन करने वाले लोग जिन्होंने आकलन वर्ष 2018-19 के लिए अपना आयकर रिटर्न नहीं भरा है, उन्हें रिटर्न जमा कराने या जवाब देने के लिए 21 दिन का समय दिया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने दी है।

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21 दिन का यह वक्त आयकर विभाग की ओर से रिटर्न दाखिल नहीं करने के बारे में भेजे गए ई-मेल या एसएमएस मिलने के दिन से गिना जाएगा। हालांकि ऐसे मामलों में जिनमें आकलन वर्ष 2018-19 के लिए न तो रिटर्न जमा कराया गया हो और न ही उस पर कोई जवाब दिया गया हो तो आयकर विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ आयकर कानून, 1961 के तहत कार्रवाई करने पर विचार कर सकता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि कई ऐसे संभावित करदाता हैं जिन्होंने 2017-18 में बड़े लेनदेन किए हैं, मगर आकलन वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल नहीं किया है। सीबीडीटी ने हालांकि रिटर्न न फाइल करने वालों की संख्या का खुलासा नहीं किया।

सीबीडीटी ने कहा कि रिटर्न न फाइल करने वालों से आग्रह किया जाता है कि वो आकलन वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल कर दें या अपना जवाब दे दें। अगर ऐसे लोगों के स्पष्टीकरण को संतोषजनक पाया गया तो ऐसे मामलों को ऑनलाइन ही बंद कर दिया जाएगा।

सीबीडीटी ने कहा, "हालांकि ऐसे मामलों में जिनमें न तो रिटर्न दाखिल किया गया है और न ही कोई संतोषजनक जवाब मिला है उनके खिलाफ आयकर कानून, 1961 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।" गौरतलब है कि आयकर विभाग ने रिटर्न फाइल न करने वाले ऐसे लोगों का विश्लेषण किया है जिनकी जानकारी उनके डेटाबेस में उपलब्ध थी।


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