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नोकिया पर 21 हजार करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी

नई दिल्ली। फिनलैंड की हैंडसेट कंपनी नोकिया की दिक्कतें भारत में खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इनकम टैक्स विभाग ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट को दी अपनी ताजा जानकारी में कहा है कि नोकिया इंडिया और नोकिया कॉरपोरेशन पर कुल 21,153 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है। इस राशि में कंपनी पर 2006-13 के द

By Edited By: Published: Mon, 09 Dec 2013 09:41 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नोकिया पर 21 हजार करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी

नई दिल्ली। फिनलैंड की हैंडसेट कंपनी नोकिया की दिक्कतें भारत में खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इनकम टैक्स विभाग ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट को दी अपनी ताजा जानकारी में कहा है कि नोकिया इंडिया और नोकिया कॉरपोरेशन पर कुल 21,153 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी बनती है। इस राशि में कंपनी पर 2006-13 के दौरान लगाया गया जुर्माना भी शामिल है।

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नोकिया इंडिया द्वारा 6,500 करोड़ रुपये के टैक्स का भुगतान न करने पर इनकम टैक्स विभाग अदालत चला गया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने नोकिया की परिसंपत्तियां सील करने का आदेश दिया था। इसके खिलाफ कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके जवाब में विभाग ने बताया कि मोबाइल निर्माता कंपनी ने रॉयल्टी भुगतान पर टीडीएस नहीं दिया। उसे विशेष आर्थिक क्षेत्र [सेज] में परिचालन के तहत विशेष छूट भी नहीं मिली हुई है। यदि कंपनी ने टीडीएस दिया होता और उसे सेज में छूट मिली होती तो टैक्स देनदारी 14,200 करोड़ रुपये बनती। विभाग की इन दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना और संजीव सचदेवा ने नोकिया की याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी।

पढ़ें : नोकिया का प्रस्ताव इनकम टैक्स विभाग ने ठुकराया

उधर, नोकिया ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसे विभाग ने इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया। विभाग टैक्स के बारे में कई दावे कर रहा है। हम इस बारे में अपनी लड़ाई अदालत में लड़ेंगे। मंगलवार की सुनवाई के दौरान कंपनी को अदालत के कई सवालों का जवाब देना होगा। इनमें भारत में किया गया निवेश, डिविडेंड भुगतान, कच्चे माल की खरीद, नोकिया कॉर्प के रिटर्न और माइक्रोसॉफ्ट सौदे के बाद कंपनी का क्या होगा जैसे सवाल शामिल हैं।

नोकिया को माइक्रोसॉफ्ट ने 7.2 अरब डॉलर में खरीदने का सौदा किया है। अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। इस सौदे के बाद कंपनी ने सारा पैसा फिनलैंड स्थित मूल कंपनी को भेज दिया और उसने आयकर विभाग को मात्र 2,250 करोड़ रुपये चुकाने का प्रस्ताव दिया है। पिछली सुनवाई में अदालत ने नोकिया इंडिया की नीयत पर सवाल उठाते हुए उससे पूछा था कि आखिरकार उसने 18 साल के डिविडेंड के नाम पर 3,500 करोड़ रुपये फिनलैंड क्यों भेजे।

चेन्नई प्लांट के लिए ढूंढ़ रही खरीदार :

आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए चेन्नई प्लांट के लिए नोकिया ने खरीदार ढूंढ़ना शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा कि यदि वह इस प्लांट को माइक्रोसॉफ्ट को ट्रांसफर नहीं कर पाई तो बेच देगी।

कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यदि इसे बेचने की अनुमति मिलती है तो इससे मिलने वाली राशि से इनकम टैक्स विभाग की देनदारी चुकाई जाएगी। बिक्री सौदे के बाद नोकिया के लिए इस प्लांट की कोई उपयोगिता नहीं रह गई है। कंपनी ने इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट से भी चर्चा कर ली है।


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