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50,000 से ऊपर की ज्वैलरी खरीद पर अब नहीं देना होगा पैन कार्ड, सरकार को भी जानकारी देना जरूरी नहीं

जीएसटी काउंसिल ने ज्वैलर्स कारोबार को एक बड़ी राहत दे दी है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 07:36 PM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 07:39 PM (IST)
50,000 से ऊपर की ज्वैलरी खरीद पर अब नहीं देना होगा पैन कार्ड, सरकार को भी जानकारी देना जरूरी नहीं
50,000 से ऊपर की ज्वैलरी खरीद पर अब नहीं देना होगा पैन कार्ड, सरकार को भी जानकारी देना जरूरी नहीं

नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी काउंसिल ने अपनी 22वीं बैठक में ज्वैलरी कारोबार को बड़ी राहत दे दी है। अब 50,000 रुपए से ऊपर की ज्वैलरी खरीदने पर न तो पैन कार्ड देना होगा और न ही अब इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। सरकार ने ज्वैलरी खरीद के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के रोकथाम के प्रावधानों को विस्तार देने वाली अधिसूचना को रद्द कर दिया है। अब ज्वैलर्स को वित्तीय खुफिया इकाई (फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट) को बायर्स की डेटा रिपोर्ट नहीं देनी होगी।

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ज्वैलर्स को यह आशंका थी कि ज्वैलरी की खरीद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) की रोकथाम के प्रावधानों का विस्तार कड़े केवाईसी (KYC) प्रावधानों के कारण संभावित बिक्री को खराब कर सकते हैं। सरकार ने 23 अगस्त को जैम्स एंड ज्वैलर्स सेक्टर के लिए पीएमएलए के सख्त प्रावधानों को बढ़ा दिया था। सरकार ने यह फैसला विशेषकर नोटबंदी के बाद मनी लॉन्ड्रिंग के सुविधाजनक बनने के संदेह के आधार पर ऐसा किया था। आपको बता दें कि नोटबंदी का फैसला बीते साल 8 नवंबर को लिया गया था।

जबकि आयकर कानून केवाईसी के बिना 2 लाख रुपये तक की नकदी बिक्री की अनुमति देता है पीएमएलए के नियम पैन, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट की प्रति के बिना किसी भी प्रारूप में बिक्री को 50,000 रुपये तक सीमित कर देते हैं।
 


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