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No Consensus on GST compensation: जीएसटी क्षतिपूर्ति पर गतिरोध बरकरार, राज्यों के लिए विकल्प खुले

No Consensus on GST Compensation कर्ज लेकर जीएसटी क्षतिपूर्ति को तैयार राज्य अब इस विकल्प का उपयोग कर सकेंगे। हालांकि क्षतिपूर्ति के मामले पर सोमवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई।

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 09:06 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 09:06 AM (IST)
No Consensus on GST compensation: जीएसटी क्षतिपूर्ति पर गतिरोध बरकरार, राज्यों के लिए विकल्प खुले
No Consensus on GST Compensation, Options Open for States

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कर्ज लेकर जीएसटी क्षतिपूर्ति को तैयार राज्य अब इस विकल्प का उपयोग कर सकेंगे। हालांकि क्षतिपूर्ति के मामले पर सोमवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में सभी राज्यों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई। लेकिन सभी राज्य इस बात को लेकर जरूर सहमत हो गए कि जून, 2022 के बाद भी विलासिता संबंधी वस्तुओं पर सेस संग्रह जारी रहेगा। ऐसे में क्षतिपूर्ति के लिए उधार लेने को तैयार राज्यों को दिक्कत नहीं आएगी। क्षतिपूर्ति के लिए कर्ज लेने को 21 राज्य तैयार हैं। वहीं गैर-भाजपा शासित राज्यों की सरकार वाले 10 राज्य क्षतिपूर्ति के लिए कर्ज लेने को तैयार नहीं है। उनकी दलील है कि चूंकि सेस वसूली का काम केंद्र करता है, इसलिए यह कर्ज भी केंद्र को ही लेना चाहिए। सोमवार को देर शाम तक चली काउंसिल की बैठक में इस मसले पर भी चर्चा की गई।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैठक में कर्ज के लिए तैयार कई राज्यों ने कोरोना की वजह से पूंजी की तत्काल जरूरत को जाहिर किया। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य इन्हें कर्ज लेने से नहीं रोक सकते हैं। हालांकि सेस संग्रह की अवधि पांच वर्ष से आगे बढ़ाने के लिए सभी राज्य राजी थे।

सीतारमण ने कहा कि केंद्र एक सीमा से बाहर कर्ज नहीं ले सकता है। इससे पूरे देश की साख खराब होगी जिससे निजी क्षेत्र में निवेश और हर व्यक्ति का कर्ज प्रभावित होगा। आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने बताया कि जो राज्य कर्ज लेना चाहते हैं, वे उनके पास आएंगे। फिर उनकी जरूरतों व सेस की कमी को देखते हुए कर्ज का राशि तय होगी। केंद्र कर्ज दिलाने में सहायक की भूमिका निभाएगा। जून, 2022 के बाद निश्चित वस्तुओं पर लगने वाले सेस की राशि से इस कर्ज को चुकाया जाना है।


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