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नीतीश के लिए केंद्र ने खोले खिड़की-दरवाजे

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के बीच का समन्वय बुधवार को थोड़ा और परवान चढ़ता दिखा। वार्षिक योजना आकार के लिए दिल्ली पहुंचे नीतीश ने जितना मांगा केंद्र से उतना मिला। योजना आयोग ने 34 हजार करोड़ रुपये की योजना पर मुहर लगा दी तो वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने नीतीश से मुलाकात के तुरंत बाद पिछड़े राज्यों की पहचान और मदद के लिए कमेटी का गठन कर दिया। जबकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी नीतीश की चाहत को हरी झंडी दे दी। नीतीश ने भी अपनी खुशी जाहिर करने और धन्यवाद जताने में देरी नहीं की।

By Edited By: Published: Wed, 15 May 2013 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
नीतीश के लिए केंद्र ने खोले खिड़की-दरवाजे

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के बीच का समन्वय बुधवार को थोड़ा और परवान चढ़ता दिखा। वार्षिक योजना आकार के लिए दिल्ली पहुंचे नीतीश ने जितना मांगा केंद्र से उतना मिला। योजना आयोग ने 34 हजार करोड़ रुपये की योजना पर मुहर लगा दी तो वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने नीतीश से मुलाकात के तुरंत बाद पिछड़े राज्यों की पहचान और मदद के लिए कमेटी का गठन कर दिया। जबकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी नीतीश की चाहत को हरी झंडी दे दी। नीतीश ने भी अपनी खुशी जाहिर करने और धन्यवाद जताने में देरी नहीं की।

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बुधवार को नीतीश का दिल्ली दौरा यूं तो पूरी तरह सरकारी कामकाज से ही जुड़ा था, लेकिन इसके राजनीतिक रंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार के साथ उनकी तीन बैठकें हुईं और तीनों सफल रहीं। सबसे पहले जयराम रमेश, फिर पी चिदंबरम और अंत में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ बैठक हुई। बिहार में जिस दिन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद नीतीश को कठघरे में खड़ा कर रहे थे, उसी दिन दिल्ली में नीतीश ने पिछले साल के मुकाबले भी 34 फीसदी ज्यादा बड़ा योजना आकार मंजूर करा लिया। 34 हजार करोड़ में 74 फीसदी हिस्सा राज्य का होगा जबकि केंद्रीय मदद के रूप में 5.34 फीसद मिलेगा। नीतीश इसे भी बड़़ी उपलब्धि बताने में जुट गए हैं। दरअसल 2004-05 में आकार महज 4379 करोड़ रुपये था।

योजना आयोग में बैठक के बाद उपाध्यक्ष मोंटेक ने नीतीश सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। खासकर कृषि विकास बहुत उत्साहित करने वाला है। नीतीश की बारी आई तो उन्होंने सबके सामने मोंटेक की प्रशंसा की और धन्यवाद दिया। इस दौरान दोनों ओर से समन्वय अद्भुत था जिसमें किसी के लिए कोई शिकायत या मांग नहीं थी। दोनों पक्ष एक-दूसरे से संतुष्ट थे। इस दौरान केंद्रीय योजना मंत्री राजीव शुक्ला भी मौजूद थे।

बिहार की प्राथमिकता बताते हुए नीतीश ने कहा कि उनका ध्यान सामाजिक क्षेत्र, कृषि, सिंचाई, उर्जा आदि क्षेत्रों पर है। बीआरजीएफ [बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड] में मिली मदद से वह खासकर ऊर्जा उत्पादन और सड़क निर्माण बढ़ाने पर जोर देंगे। ध्यान रहे कि इस साल के लिए बिहार ने इस मद में दो हजार करोड़ रुपये मांगे थे। केंद्र ने ढाई हजार करोड़ मंजूर कर दिए हैं। वर्तमान योजना में सामाजिक क्षेत्र में 13,802 करोड़, सड़क के लिए 5,993 करोड़, उर्जा के लिए 1,790 करोड़, कृषि व संबंधित कामकाज के लिए 3,383 करोड़ तो सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण के लिए 2,730 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


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