Move to Jagran APP

क्या है क्रिप्टोकरेंसी, क्यों सीतारमण ने कहा- इसे लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं देश, जानिए

आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा का कहना है कि डिजिटल मुद्रा के फायदे और इसके जोखिमों के बारे में चर्चा की जा रही है।

By NiteshEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 12:43 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 08:15 AM (IST)
क्या है क्रिप्टोकरेंसी, क्यों सीतारमण ने कहा- इसे लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं देश, जानिए
क्या है क्रिप्टोकरेंसी, क्यों सीतारमण ने कहा- इसे लेकर बेहद सावधानी बरत रहे हैं देश, जानिए

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि कई देश क्रिप्टोकरेंसी अपनाने से बच रहे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की वार्षिक बैठक में फेसबुक की प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी 'लिब्रा' को लेकर चर्चा चल रही थी जिसके बाद वित्त मंत्री ने यह बात कही। हालांकि, वित्त मंत्री से पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय जाहिर कर चुके थे। सीतारमण ने कहा, 'रिजर्व बैंक के गवर्नर हमारी ओर से इस बारे में बोल चुके हैं। मुझे ऐसा लग रहा है कि कई सारे देश क्रिप्टोकरेंसी अपनाने से कतरा रहे हैं।'

loksabha election banner

सीतारमण ने कहा कि कुछ देशों की सलाह है कि क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से बचा जाए। कुछ देशों ने इसे स्थिर मुद्रा की संज्ञा देने से भी इनकार किया। वित्त मंत्री ने कहा कि सभी देशों के सुझाव से ऐसा लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ कहे जाने या किए जाने से पहले सभी देश बेहद सावधानी बरत रहे हैं। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा का कहना है कि डिजिटल मुद्रा के फायदे और इसके जोखिमों के बारे में चर्चा की जा रही है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

किसी भी देश में लेनदेन के लिए जो नोट और सिक्के चलन में होते हैं उन्हें करेंसी कहते हैं। करेंसी या तो कागज की होती है या किसी धातु की। जैसे भारत में रुपये के नोट और सिक्के चलते हैं। हाल फिलहाल में वर्चुअल करेंसी की चर्चा है। मसलन, बिटकॉइन, नेमकाइन, लाइटकाइन और पीपीकाइन। इस तरह की वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है।

दूसरे शब्दों में ऐसे समझें, क्रिप्टोकरेंसी एक ऐसी मुद्रा है जिसे डिजिटल माध्यम के रूप में निजी तौर पर जारी किया जाता है। यह क्रिप्टोग्राफी व ब्लॉकचेन जैसी डिस्ट्रीब्यूटर लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के आधार पर काम करती है। आसानी से समझने के लिए ब्लॉकचेन एक ऐसा बहीखाता है जिसमें लेनदेन को ब्लॉक्स के रूप में दर्ज किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल कर उन्हें लिंक कर दिया जाता है। 

क्रिप्टोग्राफी में सुरक्षित तौर पर सूचनाओं को सहेजने और भेजने के लिए कोड का इस्तेमाल किया जाता है और सिर्फ वही व्यक्ति उस सूचना को पढ़ सकता है जिसके लिए वह भेजी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.