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संकटग्रस्त कंपनियों के लिए एक बार के ऋण पुनर्गठन मुद्दे पर RBI के साथ चर्चा कर रही सरकार: सीतारमण

वित्त मंत्री ने भारतीय उद्योगों से यह आत्‍म-निरीक्षण करने की अपील की है कि वे कैसे व्यवसायों को चलाएंगे और कैसे आत्मनिर्भर भारत मिशन को साकार किया जा सकता है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 03:07 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 04:29 PM (IST)
संकटग्रस्त कंपनियों के लिए एक बार के ऋण पुनर्गठन मुद्दे पर RBI के साथ चर्चा कर रही सरकार: सीतारमण
संकटग्रस्त कंपनियों के लिए एक बार के ऋण पुनर्गठन मुद्दे पर RBI के साथ चर्चा कर रही सरकार: सीतारमण

नई दिल्ली, आइएएनएस। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी के चलते संकटग्रस्त कंपनियों के ऋण पुनर्गठन के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के साथ चर्चा कर रही है। चेन्नई इंटरनेशनल सेंटर (CIC) द्वारा आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ऋणों के पुनर्गठन के मामले पर आरबीआई के साथ चर्चा चल रही है। 

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साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि ग्राहकों को ब्याज दरों में कटौती का पूरा फायदा नहीं पहुंचाने के मुद्दे पर भी आरबीआई और बैंकों के साथ चर्चा की जा रही है। वित्त मंत्री के अनुसार, ब्याज दरों में कटौती का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचाने का बैंकों के पास कोई ठोस कारण नहीं है।

वर्तमान में सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) से अपने व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए तीन लाख करोड़ के ऋण की पेशकश की जा रही है। वित्त मंत्री ने भारतीय उद्योगों से यह आत्‍म-निरीक्षण करने की अपील की है कि वे कैसे व्यवसायों को चलाएंगे और कैसे आत्मनिर्भर भारत मिशन को साकार किया जा सकता है। वित्त मंत्री ने सक्रिय दवा सामग्री (APIs) का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत एक बड़ा बाजार है और उन्हें एक या दो देशों पर निर्भर रहने की बजाय वस्तुओं का देश में ही निर्माण करना चाहिए।

पिछले महीने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी ग्रोथ के नकारात्मक रहने की आशंका जताई गई थी। उसके बाद ऋण पुनर्गठन की मांग उठने लगी थी, जो अब एक बार फिर तेज हो गई है। गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने साल 2008 में वित्तीय संकट के बाद भारतीय उद्योगों के लिए एक बार के ऋण पुनर्गठन योजना का प्रावधान किया था।


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