अर्थव्यवस्था में निरंतर जारी है सुधार, कुशल डॉक्टरों के हाथ में है प्रबंधन : निर्मला सीतारमण
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है और इसकी कमान अनाड़ी डॉक्टरों के हाथ में है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था के स्लोडाउन होने को लेकर उठ रहे सवालों का बचाव करते हुए जवाब दिया। वित्त मंत्री ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि इसका प्रबंधन 'कुशल डाक्टरों' के हाथ में है और सरकार की ओर से उठाए गए स्पष्ट कदमों की वजह से अर्थव्यवस्था में शुरुआती सुधार दिख रहे हैं। लोकसभा में 2020-2021 के केंद्रीय बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार वित्तीय अनुशासन की राह पर मजबूती के साथ चल रही है और अर्थव्यस्था की गाड़ी के सभी इंजन गति के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं, अनुसूचित जाति, जन जाति, बच्चों सहित समाज के अन्य सभी वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर आवंटन हो रहा है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा लगाए गए आरोपों पर जवाब देते सीतारमण ने कहा, 'मुद्रास्फीति औसतन 4.8 फीसद रही है, फैक्टरी उत्पादन बढ़ा है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है, जीएसटी राजस्व संग्रह बढ़ा है और यह पिछली तिमाही में हर महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। आर्थिक क्षेत्र के हर मानदंडों पर अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है।'
वित्त मंत्री ने कहा, 'अर्थव्यवस्था संकट में नहीं है। सरकार की ओर से उठाए गए स्पष्ट कदमों के कारण अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है और अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है।' उन्होंने कहा कि सरकार अच्छा प्रदर्शन कर रही है लेकिन विपक्ष को यह नहीं दिख रहा है। विपक्ष इसे मानने को तैयार नहीं है। सीतारमण ने कहा कि मनमोहन सिंह के समय सरकार की प्राप्तियां और खर्च का अंतर बहुत ज्यादा था।
बता दें कि पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है और इसकी कमान अनाड़ी डॉक्टरों के हाथ में है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए अर्थव्यवस्था के चार इंजनों की रफ्तार बढ़ाने पर काम को आगे बढ़ाया है जिसमें निजी उपभोग को बढ़ाना, सार्वजनिक एवं निजी निवेश बढ़ाना तथा निर्यात बढ़ाना शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 2014 से अब तक हम वित्तीय अनुशासन (वित्तीय जवाबदेही बजट प्रबंधन अधिनियम) की सीमाओं में रहे हैं, जबकि उससे पहले की सरकार का रिकॉर्ड इसके उलट रहा।
(एजेंसी से इनपुट सहित)