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Highlights of Nirmala Sitharaman Speech Day 4: रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी पर जोर, PPP मॉडल पर होगी 6 हवाई अड्डों की नीलामी

Nirmala Sitharaman on Economic Package निर्मला सीतारमण शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी चौथी चरण की घोषणाएं कर रही हैं

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 03:14 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 09:22 AM (IST)
Highlights of Nirmala Sitharaman Speech Day 4: रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी पर जोर, PPP मॉडल पर होगी 6 हवाई अड्डों की नीलामी
Highlights of Nirmala Sitharaman Speech Day 4: रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी पर जोर, PPP मॉडल पर होगी 6 हवाई अड्डों की नीलामी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी चौथी चरण की घोषणाएं की। सीतारमण की ओर से बुधवार से लगातार रोज शाम 4 बजे मीडिया के सामने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, सेक्टर्स एवं उद्योगों के लिए किए जा रहे उपायों की घोषणा की जा रही है। वित्त मंत्री ने अब तक की तीन किस्तों में किसानों, पशुपालकों, MSME सेक्टर, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य तबके के लिए कई तरह की राहत उपायों की घोषणा की है। जानिए आज उन्होंने क्या एलान किए...

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FM Nirmala Sitharaman Press Conference Highlights:  

परमाणु ऊर्जा से जुड़े सुधार में रिसर्च रिएक्टर की स्थापना

वित्त मंत्री ने कहा कि परमाणु ऊर्जा से जुड़े सुधार में रिसर्च रिएक्टर की स्थापना पीपीपी मॉडल में होगी। इससे मानवता की सेवा को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने करोना वायरस के दौरान और पहले कैंसर के लिए भी दुनिया के कई देशों को दवाईयां भेजी हैं। इस दिशा में और आगे बढ़ना है। सीतारमण ने कहा कि पीपीपी मॉडल में एकीकृत खाद्य संरक्षण केंद्र स्थापना होगी। इससे रेडिएशन तकनीक द्वारा प्याज जैसी खाद्य वस्तुओं की सेल्फ लाइफ बढ़ाने में मदद मिलेगी और किसानों को अधिक मुनाफा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे स्टार्टअप्स के लिए भी एक नया क्षेत्र मिलेगा।  

इसरो का जिक्र

अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो ने भारत को काफी ख्याति दिलाई है। सरकार इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार उपग्रहों, प्रक्षेपण एवं अंतरिक्ष आधारित सेवाओं को लेकर निजी कंपनियों को लेवल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध कराएगी। निजी क्षेत्र को क्षमता में सुधार के लिए इसरो की सुविधाओं और परिसंपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी। 

सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत

वित्त मंत्री ने कहा कि सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की जरूरत है। इसके लिए इसमें निजी निवेश को बल देने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके लिए 30 फीसद केंद्र और 30 फीसद राज्य सरकारों द्वारा फंडिंग होगी। इसके लिए 8100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 

केंद्रशासित प्रदेशों में Discoms का होगा निजीकरण

केंद्रशासित प्रदेशों में बिजली वितरण कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। इसके लिए एक टैरिफ पॉलिसी लाई जाएगी। इसमें इस चीज का ध्यान रखा जाएगा कि उपभोक्ताओं को उनका अधिकार हासिल हो सके। डिस्कॉम्स कंपनियों को उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराना होगा। इससे विद्युत उत्पादन करने वाली कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। इससे बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को समय पर भुगतान मिलेगा। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिए सब्सिडी दी जाएगी। प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।  

एयर स्पेस सिविल एविएशन

वित्त मंत्री ने कहा कि मात्र 60 फीसद भारतीय एयर स्पेस सिविल एविएशन के लिए है। इस स्पेस का ठीक उपयोग हो, फ्यूल बचे, कम से कम समय में यात्रा स्थान तक पहुंचें, इसके लिए  काम होगा। इससे विमानन क्षेत्र को 1000 करोड़ का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि  पीपीपी मॉडल के तहत 6 नए एयरपोर्ट्स की नीलामी होगी। 2300 करोड़ रुपए की डाउन पेमेंट एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को मिलेगी। 1300 करोड़ का निवेश पहले और दूसरे चरण में आएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को एयरक्राफ्ट रिपेयर सर्विस हब बनाएंगे। इंडियन एयरक्राफ्ट्स का मेंटेनेंस और रिपेयरिंग भारत में ही हो, ऐसा सुनिश्चित किया जाएगा। एयरलाइंस की लागत कम हो, उस दिशा में कदम उठाए जाएंगे। समयबद्ध रक्षा खरीद के लिए सरकार कदम उठाएगी। इसके साथ ही ट्रायल और टेस्टिंग प्रक्रिया को बेहतर बनाया जाएगा। 

डिफेंस प्रोडक्शन में FDI में बढ़ोत्तरी

ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का निगमीकरण उनके कामकाज में सुधार के लिए किया जाएगा। कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा। उन्होंने रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 'मेक इन इंडिया' पर बल दिया। सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट अधिसूचित करेगी, जिनके आयात को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इस लिस्ट में शामिल हथियारों एवं प्लेटफॉर्म को देश से खरीदा जाएगा। इससे रक्षा उत्पादों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी। सरकार ऑर्डिनेंस फैक्टरी की स्वायत्ता, जवाबदेही और क्षमता को बेहतर बनाने के लिए ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड का कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि कॉरपोरेटाइजेशन बोर्ड का निजीकरण नहीं बल्कि कॉरपोरेटाइजेशन किया जाएगा।  

मिनरल माइनिंग में निजी निवेश बढ़ाएंगे

वित्त मंत्री ने कहा कि मिनरल माइनिंग में निजी निवेश बढ़ाएंगे। मिनरल में एक्सप्लोरेशन माइनिंग प्रॉडक्शन सिस्टम लाएंगे। नई व्यवस्था में 500 माइनिंग ब्लॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें भी 50000 करोड़ का खर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होगा। उन्होंने कहा कि बॉक्साइट और कोयला का ज्वाइंट ऑक्शन होगा। इससे खनन में वृद्धि होगी और रोजगार सृजन होगा। लगभग 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी। कोयला से गैस बनाने के लिए नए आवंटन किए जाएंगे और उन्हें प्रोत्साहन दिया जाएगा। कोल सेक्टर के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र- कोयला उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए कोयला के आयात में कमी लाने की जरूरत है। सरकार राजस्व साझा करने के तंत्र के आधार पर कोयला सेक्टर में प्रतिस्पर्धा, पारदर्शिता और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाएगी। 

ईजीएस के जरिए निवेश को जल्द मंजूरी

वित्त मंत्री ने कहा कि कहा की ईजीएस के जरिए निवेश को जल्द मंजूरी देंगे। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना है। सीतारमण ने कहा कि 5 लाख हेक्टर में फैले इंडस्ट्रीयल पार्कों की जानकारी आईआईएस पर मिलेगी। इस भूमि की जीपीएस मैपिंग होगी। इससे जमीन कि उपलब्धता के मामले में सरलता होगी। प्रतेक मंत्रालय में प्रोजेक्ट इन्वेस्टमेंट सेल बनेगा। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश की गति बढ़ाने को नीतिगत सुधार किये गए हैं। सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह के जरिए निवेश को मंजूरी दिए जाने की गति को तेज किया गया है। नए निवेश को आकर्षित करने को राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए रैकिंग सिस्टम। 

वित्त मंत्री ने कहा कि कई सेक्टर्स को आसान पॉलिसीज की जरूरत है। बैंकों पर किसी खास को लोन देने का दबाव नहीं है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमें कठिन कॉम्पिटिशन के लिए तैयार रहना है। उन्होंने कहा कि सिस्टम से जुड़े बड़े सुधार हमने किए हैं। जिसमे जीएसटी, आईबीसी, इज ऑफ डूइंग बिजनेस से जुड़े सुधार, पावर सेक्टर से जुड़े सुधार, टैक्स सिस्टम से जुड़े सुधार आदि शामिल हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने संबोधन की शुरुआत में सप्लाई चेन की महत्ता को रेखांकित किया। उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किस तरह मददगार साबित हो रहा है।

उनके द्वारा पिछले दिनों की गईं अहम घोषणाएं कुछ इस प्रकार हैं (Highlights of Nirmala Sitharaman Speech):

1. वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि Essential Commodities Act में संशोधन किया जाएगा। इससे किसानों को फसल का बेहतर दाम मिलेगा। नियमों में संशोधन के बाद Cereals, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू जैसे कृषि उत्पाद के दामों का नियंत्रण सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा।

हालांकि, राष्ट्रीय आपदा, बाढ़, सूखा जैसी स्थिति में सरकार इसे अपने हाथ में ले सकती है।

2. कृषि आधारभूत ढांचे के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड बनाने की घोषणा वित्त मंत्री ने शुक्रवार को की थी। इससे स्टोरेज कैपिसिटी एवं मूल्य संवर्धन में मदद मिलेगी। इससे भविष्य में एक्सपोर्ट में मदद मिलेगी। 

3. एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड: वित्त मंत्री ने गुरुवार को एलान किया था कि सरकार एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना को लागू करेगी। इस योजना के लागू होने के बाद प्रवासी मजदूर देश के किसी भी हिस्से में अपने हिस्से का राशन ले सकेंगे। इस योजना से अगस्त, 2020 तक 67 करोड़ लोगों के लाभान्वित होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्म-निर्भर भारत का संकल्प जताते हुए मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। इस आर्थिक पैकेज में सरकार द्वारा मार्च में घोषित 1.70 लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज और RBI की ओर से किए गए विभिन्न उपाय भी शामिल हैं।

वित्त मंत्री बुधवार से लगातार इस आर्थिक पैकेज से जुड़ी जानकारी लोगों को दे रही हैं। शुक्रवार को वित्त मंत्री ने कृषि एवं संबंधित गतिविधियों के लिए 11 घोषणाएं की थी। इनमें से आठ एलान कृषि से संबंधित बुनियादी ढांचे कि विकास और तीन घोषणाएं प्रशासनिक एवं कानूनी सुधार से जुड़ी हुई थी।


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