NFRA करेगा Infosys मामले में शिकायतों की जांच, कंपनी के शेयर में आ रही गिरावट
Infosys पर इससे पहले भी वित्तीय अनियमितता के आरोप लग चुके हैं। कंपनी द्वारा इजरायल की ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी कंपनी पनाया की खरीद के समय भी अनियमितताओं के आरोप लगे थे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से घिरी दिग्गज आइटी कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड पर देश-विदेश में जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। एक तरफ सरकार ने नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिग अथॉरिटी (एनएफआरए) को इन्फोसिस में हुई कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच का जिम्मा सौंपा है। दूसरी तरफ अमेरिका में भी यूएस सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (यूएस सेक) ने व्हिसलब्लोअर्स के आरोपों पर जांच शुरू कर दी है। इन खबरों के चलते गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में कंपनी के शेयर करीब ढाई प्रतिशत तक टूट गए।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि एनएफआरए को इन्फोसिस के अकाउंट्स में गड़बड़ी और अनुचित कारोबारी गतिविधियों की जांच के लिए कहा गया है। एनएफआरए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रलय के तहत आता है। ऑडिटिंग प्रोफेशन के लिए बनाया गया यह स्वतंत्र नियामक मंत्रलय के निर्देश के अनुसार या स्वत: संज्ञान के आधार पर ऑडिटर्स से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर सकता है।
इन्फोसिस ने गुरुवार को कहा कि पूंजी बाजार नियामक सेबी ने उससे व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी हैं। इसके अलावा वह इस बात से भी अवगत है कि अमेरिका के फेडरल कोर्ट में कंपनी के खिलाफ एक मामला दायर किया गया है और कंपनी पूरी क्षमता के साथ खुद का बचाव करने के लिए तैयार है। अमेरिका स्थित रोजेन लॉ फर्म ने कहा था कि वह इन्फोसिस के स्थानीय निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक मुकदमा दायर करने की तैयारी कर रही है।
पिछले महीने मिले थे पत्र
कंपनी के बोर्ड मेंबर्स ने 30 सितंबर को दो शिकायती पत्र प्राप्त किए थे। इन पत्रों में अनुचित गतिविधियों की शिकायत की गई थी। इन्हें 10 अक्टूबर को कंपनी की ऑडिट कमेटी के सामने पेश किया गया और इसके अगले दिन इस बारे में कंपनी के नॉन एक्जीक्यूटिव सदस्यों को भी अवगत कराया गया। शिकायत पत्र में आरोपितों के ई-मेल और वॉइस रिकॉर्डिग मौजूद होने की बात कही गई है।
सीईओ-सीएफओ ने ऐसा कहा था
व्हिसलब्लोअर्स के मुताबिक सीईओ और सीएफओ ने कहा कि बोर्ड के सदस्य तकनीकी बातों को नहीं समझते। जब तक शेयर की कीमत ऊपर रहेगी, वे खुश रहेंगे। वे लोग बेकार के तर्क रखेंगे, इसके लिए आप सिर्फ सिर हिलाते रहिए बाकी सब नजरंदाज कर दीजिए।
पहले भी लगते रहे हैं आरोप
कंपनी पर इससे पहले भी वित्तीय अनियमितता के आरोप लग चुके हैं। हाल में ही कंपनी द्वारा इजरायल की ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी कंपनी पनाया की खरीद के समय भी अनियमितताओं के आरोप लगे थे। उस दौरान भी व्हिसलब्लोअर की ओर से ही शिकायत आई थी। इसे कंपनी की इंटरनल कमेटी ने निराधार बताया था। इसके अलावा 2017 में कंपनी के फाउंडर्स और पूर्व-प्रबंधन के बीच तनाव पैदा हो गया था।