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न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज ने 3 चीनी कंपनियों को एक्सचेंज से हटाने के फैसले को लिया वापस, बताई ये वजह

चीनी सरकार ने वॉशिंगटन पर प्रतिस्पर्धा में बाधा डालने के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि ट्रम्प के आदेश से दुनिया भर में अमेरिकी और अन्य निवेशकों को नुकसान होगा।

By NiteshEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 01:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 01:10 PM (IST)
New York Stock Exchange withdraws plans to delist 3 Chinese phone carriers PC Pixabay.com

नई दिल्ली, एपी। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) ने चीन की तीन बड़ी दूरसंचार कंपनियों को एक्सचेंज से हटाने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। NYSE का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के कहने के बाद उसने ये कदम उठाया है। एक्सचेंज ने अमेरिकी नियामकों के साथ 'आगे बातचीत' का हवाला दिया लेकिन, चीनी कंपनियों के नहीं हटाने को लेकर कोई अन्य विवरण नहीं दिया।

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NYSE ने पहले चीन के टेलीकॉम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, चाइना मोबाइल लिमिटेड और चाइना यूनिकॉम हॉन्गकॉन्ग लिमिटेड को हटाने की योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद नवंबर में ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिकियों ने चीनी सेना से जुड़ी कंपनियों द्वारा जारी प्रतिभूतियों में निवेश करने से रोक दिया था। इस बीच तीन कंपनियों के शेयरों में मंगलवार को तेजी आई। चाइना टेलिकॉम 5.7 फीसद बढ़ा, चाइना मोबाइल 5.5 फीसद और चाइना यूनिकॉम 6.7 फीसद बढ़ा। तीनों शेयरों में हाल ही में गिरावट आई थी।

मालूम हो कि हाल ही में चीन ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) द्वारा चीन की तीन बड़ी दूरसंचार कंपनियों को एक्सचेंज से हटाने की घोषणा पर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इससे अमेरिकी व चीन के बीच पहले से जारी तनाव और बढ़ गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों NYSE ने एक बयान में कहा था चाइना टेलीकॉम कॉर्प लिमटेड, चाइना मोबाइल लिमटेड और चाइना यूनिकॉम हांगकांग लिमटेड को एक्सचेंज से हटाया जाएगा। इन तीनों कंपनियों के शेयरों में कारोबार सात जनवरी से 11 जनवरी के बीच किसी समय बंद किया जाएगा। लेकिन, फिर NYSE ने अपने फैसले को वापस ले लिया है।

चीनी सरकार ने वॉशिंगटन पर प्रतिस्पर्धा में बाधा डालने के बहाने राष्ट्रीय सुरक्षा का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है और चेतावनी दी है कि ट्रम्प के आदेश से दुनिया भर में अमेरिकी और अन्य निवेशकों को नुकसान होगा। अमेरिकी अधिकारियों ने शिकायत की है कि चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी सेना का विस्तार करने के लिए अमेरिकी तकनीक और निवेश का लाभ उठाया है, जो पहले से ही दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे भारी हथियारों में से एक है।


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