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PMLA के दायरे में आएंगे दो करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले ज्वैलर्स

दो करोड़ रुपए सालाना टर्नओवर रखने वाले ज्वैलर्स को तुरंत प्रभाव से PMLA के दायरे में शामिल करने का निर्देश जारी किया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 29 Aug 2017 05:19 PM (IST)Updated: Tue, 29 Aug 2017 05:19 PM (IST)
PMLA के दायरे में आएंगे दो करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले ज्वैलर्स
PMLA के दायरे में आएंगे दो करोड़ के सालाना टर्नओवर वाले ज्वैलर्स

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्र सरकार ने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में कालेधन पर रोक लगाने के उदेश्य से मनी लॉन्ड्रिंग के निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू करने के जारी कर दिए हैं। इस निर्देश के बाद महंगे मेटल, महंगे रत्न या अन्य हाई वैल्यू गुड्स, जिनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ या उससे अधिक है, वे प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (पीएमएलए, 2002) के अंतर्गत आएंगे।

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अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है दो करोड़ रुपये के टर्नओवर की लिमिट की गणना बीते वर्ष के टर्नओवर के आधार पर की जाएगी। जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीएसटीआइ) को रत्न एवं आभूषण क्षेत्र का नियामक बनाया गया है। नियामक का काम आभूषण खरीद-बिक्री के जरिये होने वाले मनी लांडिंग के मामलों को रोकना होगा।

सूत्रों का मानना है कि बीते वर्ष देश में नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बाद पुराने नोटों के बदले सोने की खरीद जैसी शिकायतें मिली थीं। इसके बाद विभाग ने पता लगाया ता कि ज्वैलर्स की ओर से ऊंचे प्रीमियम पर भुगतान के रूप में पुराने 500 और 1000 के नोट स्वीकार किये गये थे। यह अधिसूचना 23 अगस्त को जारी की गई है। 

इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के सचिव का कहना है कि दो करोड़ की सीमा कम है। यानी कि इसके दायरे में ग्रामीण क्षेत्रों के ज्वैलर्स को भी लाया जाएगा। साथ की सभी बिक्री और खरीदारी केवाइसी नियमों के अनुरूप होनी चाहिए जिनमें 50 हजार रुपये या उससे ज्यादा का नकद लेनदेन हुआ है। केवाइसी नियमों के तहत 50 हजार रुपए से अधिक की ज्वैलरी बेचने पर ग्राहक का पैन नंबर रखना जरूरी है।


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