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लेखक के साथ IIM Alumnai रह चुके हैं हमारे नए CEA डॉ. वी अनंत नागेश्वरन, जानिए 5 खास बातें

New Chief Economic Advisor news डॉ. नागेश्वरन इस नियुक्ति से पहले एक लेखक शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 09:15 AM (IST)
लेखक के साथ IIM Alumnai रह चुके हैं हमारे नए CEA डॉ. वी अनंत नागेश्वरन, जानिए 5 खास बातें
नागेश्‍वरन ने केवी सुब्रमण्यम का स्थान लिया है। (Pti)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। सरकार ने शुक्रवार को अर्थशास्त्री डॉ. वी अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है। क्रेडिट सुइस ग्रुप एजी और जूलियस बेयर ग्रुप के साथ काम कर चुके और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े नागेश्वरन ने केवी सुब्रमण्यम का स्थान लिया है। उन्होंने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद दिसंबर 2021 में सीईए का पद छोड़ दिया था।

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5 खास बातें

  1. डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने शुक्रवार को सीईए का पद संभाल भी लिया। इस नियुक्ति से पहले डॉ. वी अनंत नागेश्वरन एक लेखक, शिक्षक और सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने भारत और सिंगापुर में कई बिजनेस स्कूलों और प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है।
  2. डॉ. वी अनंत नागेश्वरन IFMR ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन और Krea विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर थे। वह 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं। डॉ. वी अनंत नागेश्वरन 2019 से 2021 तक भारत के प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं।
  3. डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और एमहर्स्ट के मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है।
  4. डॉ. वी अनंत नागेश्वरन ने सार्वजनिक नीति में अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक स्वतंत्र केंद्र तक्षशिला इंस्टीट्यूशन की सह-स्थापना में मदद की और 2001 में आविष्कार समूह के पहले impact investment fund को लॉन्च करने में मदद की।
  5. उनकी सह-लेखक पुस्तक, 'इकोनॉमिक्स ऑफ डेरिवेटिव्स' और 'डेरिवेटिव्स' को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा क्रमशः मार्च 2015 और अक्टूबर 2017 में प्रकाशित किया गया था। एक अन्य सह-लेखक पुस्‍तक Can India grow? को नवंबर 2016 में कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस द्वारा प्रकाशित किया गया। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित 'द राइज ऑफ फाइनेंस: कॉज, कॉन्सक्वेन्सेस एंड क्योर्स' उनकी सबसे हालिया सह-लेखक किताब है।

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