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गूगल पर CCI के जुर्माने पर NCLAT ने लगाई रोक, लेकिन 4 हफ्तों में देनी होगी 10 फीसद रकम

सीसीआई की ओर से गूगल पर लगाए गए जुर्माने पर एनसीएलएटी ने रोक लगा दी है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 01:11 PM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 02:12 PM (IST)
गूगल पर CCI के जुर्माने पर NCLAT ने लगाई रोक, लेकिन 4 हफ्तों में देनी होगी 10 फीसद रकम
गूगल पर CCI के जुर्माने पर NCLAT ने लगाई रोक, लेकिन 4 हफ्तों में देनी होगी 10 फीसद रकम

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) ने आज भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के गूगल पर लगाए गए जुर्माने पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी है। आपको बता दें कि सीसीआई ने गूगल पर 136 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने गूगल पर यह जुर्माना ऑनलाइन मार्केट में गलत बिजनेस प्रेक्टिसेज के लिए लगाया है। गौरतलब है कि सीसीआई भारत की एक विनियामक संस्था है, जिसका उद्देश्य देश में स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढावा देना है।

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गूगल को चुकानी होगी जुर्माने की 10 फीसद रकम: सीसीआई के जुर्माने के खिलाफ गूगल की याचिका को स्वीकार करते हुए, न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी खंडपीठ ने इंटरनेट प्रमुख को चार हफ्तों के भीतर जुर्माना राशि का 10 फीसद हिस्सा जमा करवाने का निर्देश भी दिया है। एनसीएलएटी ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 मई मुकर्रर की है। गूगल के प्रवक्ता ने कहा, “एनसीएलएटी ने सीसीआई के निर्णय और उसके संबंधित निष्कर्षों के पहलुओं की समीक्षा के लिए हमारी अपील को स्वीकार कर लिया है।”

सीसीआई ने यह आदेश उस शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पारित किया था जिसे साल 2012 में दर्ज कराया गया। नियामक ने कहा कि गूगल पर यह जुर्माना "विश्वास-विरोधी आचरण का उल्लंघन" करने के लिए लगाया जा रहा है। विश्व स्तर पर, यह दुर्लभ मामलों में से एक है जहां गूगल को अनुचित व्यावसायिक तरीके का इस्तेमाल करने के लिए दंडित किया जा रहा है।

क्या था सीसीआई का आदेश?

सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि गूगल को सर्च में पक्षपात करने का दोषी पाया गया है और ऐसा करने से इसके प्रतिस्पर्धियों के साथ ही साथ यूजर्स को भी नुकसान हुआ है। आयोग ने कहा था कि गूगल को जुर्माने की राशि 60 दिनों के भीतर जमा करानी होगी। गूगल पर यह आरोप था कि वह सर्च में भेदभाव और सर्च में छेड़छाड़ करने के जरिये ऑनलाइन सर्च बाजार में अपनी प्रभावकारी बाजार स्थिति का गलत फायदा उठा रही है।


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