RCom हुई दीवालिया तो एरिक्सन को लौटाने होंगे 550 करोड़ रुपये: NCLAT
एनसीएलएटी ने सोमवार को कहा कि वह आरकॉम के दीवालिया होने की याचिका पर सुनवाई करेगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क/एजेंसी)। अगर एनसीएलएटी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) की दीवालिया याचिका पर आगे बढ़ने का फैसला देती है, तो एरिक्सन को आरकॉम की तरफ से मिली 550 करोड़ रुपये की पूरी राशि लौटानी पड़ सकती है।
एनसीएलएटी ने सोमवार को कहा कि वह आरकॉम के दीवालिया होने की याचिका पर सुनवाई करेगी। अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम ने ट्रिब्यूनल में दीवालिया होने की अर्जी दी है, क्योंकि वह अपने कर्जदाताओं का कर्ज चुकाने में नाकाम रही है। स्वीडिश टेलीकॉम कंपनी एरिक्सन एबी हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पिछले महीने आरकॉम ने एरिक्सन को 550 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान कर दिया था।
जस्टिस एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में गठित दो सदस्यीय बेंच ने कहा कि अगर आरकॉम की दीवालिया प्रक्रिया को मंजूर किया जाता है, तो एरिक्सन को आरकॉम की तरफ से मिली रकम लौटानी होगी।
एनसीएलएटी ने कहा, 'क्यों एक पक्ष पूरी रकम लेकर जाए और वित्तीय कर्जदाताओं को नुकसान उठानी पड़े।' एनसीएलएटी ने कहा कि या तो वह आरकॉम की दीवालिया याचिका को खारिज करेगी, या फिर इसकी मंजूरी देगी।
ट्रिब्यूनल ने कहा कि वह स्पेक्ट्रम शुल्क को लेकर दूरसंचार विभाग की तरफ से कंपनी को जारी कारण बताओ नोटिस पर भी आए जवाब पर भी विचार करेगा। एनसीएलएटी ने कहा, 'डीओटी के जवाब पर 30 अप्रैल को विचार किया जाएगा। हमें यह साफ होना चाहिए कि कर्जदार कंपनी की क्या संपत्ति है? क्या उनका संपत्ति पर कोई हक है। क्या आप लाइसेंस वापस ले सकते हैं।? अगर हां, तो फिर कंपनी की कीमत क्या रह जाएगी?'
चार फरवरी के आदेश में एनसीएलटी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट या एनसीएलएटी के आदेश के बिना कोई भी आरकॉम की संपत्ति को न तो बेच सकता है और नहीं उसे लेकर कोई डील कर सकता है। एक फरवरी को आरकॉम ने स्टॉक एक्सचेंज को दीवालिया प्रक्रिया में जाने की जानकारी दी थी।