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प्रधानमंत्री मोदी से मिले गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रमुख

हाउिसंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 10:08 AM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी से मिले गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रमुख
प्रधानमंत्री मोदी से मिले गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के प्रमुख

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) और हाउिसंग फाइनेंस कंपनियों (एचएफसी) के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से वैसे सभी संभावित उपाय साझा किए, जिन्हें अपनाकर सेक्टर को आइएलएंडएफएस संकट के बाद की दुश्वारियों से निकाला जा सकता है।

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उद्योग संगठन एसोचैम के प्रेसिडेंट बीके गोयनका ने मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया कि अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को एचडीएफसी और एचएफसी सेक्टर की वित्तीय चुनौतियों से अवगत कराया। गोयनका ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) और उसकी सहायक कंपनियों द्वारा डिफॉल्ट करते जाने के बाद सेक्टर के लिए गंभीर वित्तीय चुनौती खड़ी हुई है। लेकिन सरकार ने इस संकट से निपटने में मदद के लिए कई सकारात्मक कदम उठाए हैं।

हालांकि एक उद्योग संगठन के तौर पर हम उन्हें यह संदेश देना चाह रहे हैं कि वे कदम पर्याप्त नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस सेक्टर में सकारात्मक सुधार के प्रति आशावान है। प्रधानमंत्री ने सेक्टर को उबारने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया।

गौरतलब है कि आइएलएंडएफएस ग्रुप और उसकी कई कंपनियां पिछले कुछ महीनों के दौरान कर्ज के भुगतान में विफल रही थीं। उसके बाद बाजार में यह चिंता प्रबल हुई थी कि आइएलएंडएफएस जैसी बड़ी एनबीएफसी के इस तरह डिफॉल्ट होने से पूरे एनबीएफसी सेक्टर पर वित्तीय संकट का खतरा मंडराने लगेगा।

बैठक के बाद श्रेई इन्फ्रा फाइनेंस के वाइस चेयरमैन सुनील कनोरिया ने कहा कि मौजूदा बाजार जोखिम भरा है, क्योंकि एक डिफॉल्ट के बाद ही कर्जदाता एनबीएफसी और एचएफसी सेक्टर को कर्ज देने से कतराने लगे हैं। एसोचैम ने सरकार से आग्रह किया कि सिस्टम के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को खुले बाजार से पूंजी जुटाने की इजाजत दी जाए।

इसके साथ ही उन्हें नेशनल हाउसिंग बैंक की री-फायनेंस सुविधा का भी लाभ उठाने दिया जाए, ताकि वे आवास कर्ज दे सकें। इसके लिए सरकार हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों निजी होम लोन की हिस्सेदारी 50 फीसद से ज्यादा तक ले जाने के लिए दिसंबर, 2020 तक का वक्त दे।


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