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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बीते वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट को संशोधित कर 4 फीसद किया

आंकड़ों में बताया गया वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान वास्तविक जीवीए में ग्रोथ वित्त वर्ष 2018-19 से कम रही। यह खनन और उत्खनन विनिर्माण बिजली गैस जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं निर्माण व्यापार मरम्मत होटल और रेस्तरां और वित्तीय सेवाओं में अपेक्षाकृत कम वृद्धि के कारण कम रही।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 29 Jan 2021 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 07:46 AM (IST)
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बीते वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट को संशोधित कर 4 फीसद किया
जीडीपी के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Flickr

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने बीते वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी (GDP) की वृद्धि दर को घटाकर 4 फीसद कर दिया है। इससे पहले इसके 4.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को संशोधित राष्ट्रीय लेखा खाते जारी करते हुए कहा, ‘वित्त वर्ष 2019-20 और 2018-19 के लिए वास्तविक जीडीपी या स्थिर (2011-12) मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद क्रमश: 145.69 लाख करोड़ रुपये और 140.03 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस तरह 2019-20 में सकल घरेलू उत्पाद 4 फीसद बढ़ा और 2018-19 की जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसद रही थी।

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जनवरी, 2020 में जारी पहले संशोधन के तहत, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए वास्तविक जीडीपी या स्थिर (2011-12) मूल्य पर जीडीपी 6.1 फीसद का ग्रोथ दिखाते हुए 139.81 लाख करोड़ रुपये बतायी गई थी। 

आंकड़ों में बताया गया, 'वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान वास्तविक जीवीए में ग्रोथ वित्त वर्ष 2018-19 से कम रही। यह खनन और उत्खनन, विनिर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं, निर्माण, व्यापार, मरम्मत, होटल और रेस्तरां और वित्तीय सेवाओं में अपेक्षाकृत कम वृद्धि के कारण कम रही।'

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान प्राथमिक क्षेत्रों (कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन, खनन और उत्खनन), द्वितीयक क्षेत्रों (निर्माण, बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं व निर्माण) और तृतीयक क्षेत्र (सेवाओं) की विकास दर का अनुमान क्रमश: 3.3 प्रतिशत, (-) 1.1 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत है। जबकि इससे पिछले वर्ष के लिये यह क्रमशः 2.2 फीसद, 5.8 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत है।


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