देश का पहला सोलर पैनल डेवलप करने वाली कंपनी को बेच रही है सरकार, 100% हिस्सेदारी की बिक्री
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सीपीएसई की बिक्री और आईपीओ ऑफर फॉर सेल के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तय किया है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। घरेलू एयरलाइन कंपनी Air India और पेट्रोलियम कंपनी BPCL के निजीकरण के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के निजीकरण का फैसला किया है। केंद्र सरकार की योजना कंपनी के मैनेजमेंट कंट्रोल के साथ 100 फीसद हिस्सेदारी बेचने की है। सरकार ने इसके लिए आशय पत्र यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जारी किया है, जिसे 16 मार्च तक दाखिल किया जा सकता है। इस कंपनी के लिए सफल बोलीदाता तीन साल तक सीईएल में अपनी हिस्सेदारी नहीं बेच पाएगा।
विनिवेश विभाग से जुड़े दीपम ने कहा है, ''भारत सरकार ने ट्रांसफर ऑफ मैनेजमेंट के साथ रणनीतिक विनिवेश के जरिए CEL की 100 फीसद हिस्सेदारी की बिक्री का 'सैद्धांतिक' तौर पर निर्णय किया है।''
BPCL, Air India के निजीकरण के लिए हो रही कोशिश
इस ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया को दो चरणों स्टेज-1 और स्टेज-2 में बांटा गया है। BPCL और Air India के बाद यह एक और सीपीएसई है, जिसका निजीकरण सरकार करना चाहती है। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सीपीएसई की बिक्री और आईपीओ, ऑफर फॉर सेल के जरिए 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाने का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य तय किया है। दूसरी ओर सरकार चालू वित्त वर्ष में 65,000 करोड़ रुपये के संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रही है।
पहले सोलर पैनल का विकास
CEL सोलर फोटोवोल्टेक के क्षेत्र में देश की प्रमुख कंपनी है। कंपनी ने 1977 में पहले सोलर सेल और 1978 में पहले सोलर पैनल का विकास किया था। साथ ही 1992 में भारत के पहले सौर संयंत्र को भी इसी कंपनी ने शुरू किया था। हाल में कंपनी ने पहली क्रिस्टालीन फ्लेक्सिबल सोलर पैनल का विकास और मैन्यूफैक्चर किया। इनका इस्तेमाल विशेष तौर पर पैसेंजर ट्रेनों की छतों पर किया जाता है।