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MSME सेक्टर को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की जरूरतः नितिन गडकरी

चेंबर ऑफ इंडियन माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता ने कहा कि यह पूरा साल MSME का है।

By Ankit KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 02:55 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 07:13 AM (IST)
MSME सेक्टर को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की जरूरतः नितिन गडकरी
MSME सेक्टर को सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की जरूरतः नितिन गडकरी

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से उपजी परिस्थितियों की वजह से आर्थिक लड़ाई लंबी चलने वाली है। उन्होंने कहा कि इस आर्थिक लड़ाई में हमारे लिए कुछ अच्छी चीजें भी हैं और कुछ दिक्कतें भी हैं। गडकरी के मुताबिक, मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में भारत जैसे विकासशील देश के लिए काफी संभावनाएं मौजूद हैं। इसके लिए स्वाभाविक तौर पर MSME सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए जो भी प्रयास हो सकते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार MSMEs सेक्टर की दिक्कतों को दूर करने की कोशिशों में लगी है।  

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अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर चेंबर ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (सीआईएमएसएमई) एवं दैनिक जागरण की तरफ से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि हाल में घोषित पैकेज को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय MSMEs को टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने की जरूरत है। फॉरेन कैपिटल लाने की जरूरत है। उन्होंने MSMEs से सकारात्मक धारणा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया। गडकरी ने कहा कि हमारे देश की ग्रोथ में MSME का योगदान 29 फीसद है, जिसे 50 फीसद पर ले जाना है। 

इस कार्यक्रम में एमएसएमई मंत्रालय के सचिव ए.के. शर्मा, जीईएम (सरकारी ई-मार्केट) के सीईओ तल्लीन कुमार ने भी हिस्सा लिया।

गडकरी ने कहा कि इस समय हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या लिक्विडिटी है। ऐसी परिस्थितियों में विदेशी निवेश लाने से काफी मदद मिल सकती है। विदेशी निवेश आने से हम अपने अर्थव्यवस्था के पहिए को तेजी से आगे बढ़ा सकते हैं।

गडकरी ने MSME सेक्टर को और गति देने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टरनशिप के आधार पर Amazon और Alibaba जैसा मार्केटिंग प्लेटफॉर्म विकसित किए जाने का सुझाव दिया। उन्होंने इसके लिए टेक्नोलॉजी को उन्नत बनाने पर सबसे ज्यादा बल दिया।  

इस कार्यक्रम को होस्ट कर रहे चेंबर ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष मुकेश मोहन गुप्ता ने कहा कि यह पूरा साल MSME का है। उन्होंने कहा कि इस समय हर तरफ से MSME के लिए सपोर्ट की घोषणा हो रही है। उन्होंने कोरोना संकट के समय MSMEs के लिए केंद्र सरकार की ओर से हाल में उठाए गए विभिन्न प्रयासों के लिए एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और सचिव एके शर्मा को धन्यवाद दिया। इस कड़ी में उन्होंने MSMEs सेक्टर के लिए घोषित तीन लाख करोड़ रुपये को कॉलेट्रल फ्री लोन का जिक्र किया। 

उन्होंने गडकरी से MSME सेक्टर से जुड़े लिटिगेशन को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधिकरण बनाने का आग्रह किया। 

गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (GeM) के सीईओ तल्लीन कुमार ने इस अवसर पर कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में MSME सेक्टर की सबसे अधिक भूमिका रही है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि GeM के आने से सरकारी खरीद में पारदर्शिता आई है। इस मंच की मदद से छोटा सा छोटा सेलर भी सरकारी एजेंसियों के अपने सामान की बिक्री कर सकता है।  

अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में एक पैनल डिस्कशन का आयोजन भी हुआ। इस पैनल डिस्कशन का संचालन दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ब्यूरो प्रमुख आशुतोष झा ने किया। 

संयुक्त राष्ट्र ने 2017 में विश्व एमएसएमई दिवस की शुरुआत की थी। स्थानीय और वैश्विक स्तर पर समावेशी व सतत विकास में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के योगदान को देखते हुए इस दिवस की शुरुआत की गई थी। विश्व एमएसएमई दिवस की इस साल की ग्लोबल थीम 'एमएसएमई: सामाजिक आवश्यकताओं का प्रथम उत्तरदाता' (MSMEs: First responders to societal needs) है। 

देश में 6.3 करोड़ MSMEs हैं। इन कंपनियों से 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। सरकार ने हाल में MSME सेक्टर को नए सिरे से परिभाषित किया है। 


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