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एमएसएमई के कर्ज का होगा बीमा, इरडा ने बीमा कंपनियों से इस तरह के प्रोडक्ट लाने को कहा

इरडा के मसौदे में सिर्फ एमएसएमई का जिक्र किया गया है लेकिन कर्ज के इंश्योरेंस कवर के लिए टर्नओवर की कोई सीमा तय नहीं की गई है। इरडा ने अपने मसौदे में 60 फीसद कवर का प्रस्ताव रखा है। इंश्योरेंस के प्रीमियम को लेकर भी अभी स्पष्टता नहीं है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 08:09 AM (IST)
एमएसएमई के कर्ज का होगा बीमा, इरडा ने बीमा कंपनियों से इस तरह के प्रोडक्ट लाने को कहा
माइक्रो, स्मॉल व मीडियम इंटरप्राइजेज ( एमएसएमई )

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जल्द ही माइक्रो, स्मॉल व मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) क्षेत्र की कंपनियां अपने कर्ज का इंश्योरेंस करवा सकेंगी। बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसे उत्पाद लाने के लिए कहा है। इस संबंध में इरडा की तरफ से मसौदा जारी किया गया है। एमएसएमई के कर्ज का इंश्योरेंस होने से बैंक व अन्य वित्तीय संस्थान उन्हें आसानी से कर्ज देंगे और उनके कारोबार का जोखिम भी कम होगा। अभी सिर्फ बड़ी कंपनियों के कर्ज का इंश्योरेंस होता है।

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हालांकि, इंश्योरेंस सेक्टर के विशेषज्ञों का कहना है कि इरडा का प्रस्तावित इंश्योरेंस उत्पाद मुख्य रूप से एमएसएमई निर्यातकों के लिए होगा। इरडा के मसौदे में दो देशों के बीच राजनैतिक लड़ाई की स्थिति में भी कर्ज के इंश्योरेंस कवर का प्रस्ताव रखा गया है। लीड्स इंश्योरेंस ब्रोकर्स के सीएमडी नवनीत रविकर ने कहा, 'इंश्योरंस कंपनियों की तरफ से कर्ज के इंश्योरेंस उत्पाद लाने से मुरादाबाद, जयपुर जैसी जगहों के छोटे-छोटे हैंडीक्राफ्ट्स निर्यातकों को काफी फायदा होगा, क्योंकि अभी उनके कर्ज के कवर के लिए कोई इंश्योरेंस प्रोडक्ट नहीं है। अभी सिर्फ 20 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों और कारोबारियों के कर्ज का इंश्योरेंस होता है। कोरोना के इस काल में यह एमएसएमई के लिए वरदान साबित हो सकता है।'

रविकर ने बताया कि इरडा के प्रस्ताव के मुताबिक दो देशों के बीच लड़ाई की स्थिति में ऑर्डर नहीं जाने या भुगतान नहीं होने की स्थिति में भी छोटे निर्यातकों को अपने कर्ज की कोई चिंता नहीं रहेगी। कई बार विदेशी खरीदार भुगतान करने से मना कर देता है या माल को खारिज करके उसकी डिलिवरी लेने से मना कर देता है। कर्ज के इंश्योरेंस कवर से छोटे निर्यातकों को इस प्रकार की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों के मुताबिक इरडा के मसौदे में सिर्फ एमएसएमई का जिक्र किया गया है, लेकिन कर्ज के इंश्योरेंस कवर के लिए टर्नओवर की कोई सीमा तय नहीं की गई है। इरडा ने अपने मसौदे में 60 फीसद कवर का प्रस्ताव रखा है। इंश्योरेंस के प्रीमियम को लेकर भी अभी स्पष्टता नहीं है।


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