सात दिनों में जन धन खातों से निकले ढ़ाई हजार करोड़ से भी ज्यादा रुपए
सात दिनों के भीतर-भीतर इन खातों से ढाई हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा निकल गए
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी खत्म होने के ऐन पहले जन धन खातों से पैसे निकालने में खासी तेजी दिख रही है। ताजा आंकड़े बताते हैं कि सात दिनों के भीतर-भीतर इन खातों से ढाई हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा निकल गए।
प्रधानमंत्री जन धन योजना की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 21 दिसंबर को खातों की संख्या 26 करोड़ से भी ज्यादा हो गई। 14 दिसंबर तक इन खातों की संख्या 25 करोड़ 98 लाख थी। इस तारीख को खातों में रकम 74,123 करोड़ रुपये के करीब थी। यह 21 दिसंबर को घटकर करीब 71,500 करोड़ रुपये रह गई।जन धन खातों पर सख्ती के बाद कोशिश यही है कि पैसा किस तरह से निकाला जाए। पहले ये आरोप लगे कि रसूखदार लोग काले धन को सफेद करने के लिए गरीबों और किसानो के जन धन खातों में 49-49 हजार रुपये जमा करा रहे हैं। खुद सरकार ने भी इसकी तस्दीक की। इसके सुबूत तब मिले, जब नोटबंदी के बाद पहले पंद्रह दिनों में ही जन धन खातों में 27 हजार करोड़ रुपये से यादा जमा हुए।
अगस्त, 2014 में योजना शुरू होने के बाद और नवंबर, 2016 तक जन धन खातों में कुल बकाया 45 हजार करोड़ रुपये के करीब ही था। तकनीकी तौर पर जन धन खातों में 50 हजार रुपये से यादा एक साल में जमा नहीं कराया जा सकता। इसीलिए जब इन खातों में खूब पैसा आने लगा तो सरकार के कान खड़े हुए और कार्रवाई शुरू हुई। फिलहाल, नोटबंदी के पांच दिनों के भीतर साढ़े अठारह हजार करोड़ रुपये से भी यादा की रकम जन धन खाते में आई। अगले दस दिनों में यह राशि साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये से यादा हो गई। इसके बाद सख्ती बढ़ाई गई। इसके तहत रिजर्व बैंक ने कहा कि केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के मानकों को पूरा करने वाले जन धन खातों से एक माह में 10 हजार से यादा नहीं निकाले जा सकते। बिना केवाईसी वाले खातों से नौ नवंबर के बाद जमा कराई रकम में से हर महीने 5,000 रुपये ही निकालने का प्रावधान रखा गया।