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कोरोना की दूसरी लहर में 1 करोड़ से ज्यादा की गई नौकरी, सबसे ज्यादा असर युवा और पुराने कर्मचारियों पर: सर्वे रिपोर्ट

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक स्थायी नौकरी छूटने के अलावा 18-24 आयु वर्ग के नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अस्थायी छंटनी का सामना करना पड़ा है यह आंकड़ा पिछले साल 21 प्रतिशत था जबकि 55 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के मामले में यह आंकड़ा

By NiteshEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 04:04 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 07:01 PM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर में 1 करोड़ से ज्यादा की गई नौकरी, सबसे ज्यादा असर युवा और पुराने कर्मचारियों पर: सर्वे रिपोर्ट
पिछले साल 13 प्रतिशत की तुलना में घटकर सात प्रतिशत रह गई

नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में युवा और पुराने कर्मचारियों को सबसे ज्यादा बेरोजगारी संकट झेलना पड़ा है। इन दो आयु वर्ग के लोगों ने दूसरी लहर में सबसे ज्यादा नौकरी गंवाई है और यह सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। फॉर्च्यून 500 कंपनी के एक सर्वे में यह जानकारी सामने आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने मई में अनुमान लगाया था कि महामारी की दूसरी लहर के कारण 1 करोड़ से अधिक भारतीय बेरोजगार हो गए हैं और बेरोजगारी दर 12 महीने के उच्च स्तर लगभग 12 प्रतिशत को छू गई है। इस साल अप्रैल में सर्वे किया गया था, जिसमें भारत में 2,000 लोगों ने हिस्सा लिया। 55 वर्ष से अधिक आयु के छह प्रतिशत लोगों ने स्थायी रूप से अपनी नौकरी खो दी, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 4 प्रतिशत था।

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फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी FIS द्वारा किए गए सर्वे में कहा गया है कि 24 वर्ष से कम उम्र के लोगों में स्थायी नौकरी छूटने का अनुपात एक साल पहले की अवधि में 10 प्रतिशत से बढ़कर 11 प्रतिशत हो गया है। सर्वे में कहा गया है कि युवा और पुराने कर्मचारियों को छोड़ दिया जाए तो बीच के सभी आयु समूहों में एक साल पहले की अवधि की तुलना में 2021 में रोजगार के स्थायी नुकसान की रिपोर्ट की संख्या में गिरावट आई थी।

सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, स्थायी नौकरी छूटने के अलावा, 18-24 आयु वर्ग के नौ प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अस्थायी छंटनी का सामना करना पड़ा है, यह आंकड़ा पिछले साल 21 प्रतिशत था, जबकि 55 से अधिक आयु वर्ग के लोगों के मामले में यह आंकड़ा पिछले साल 13 प्रतिशत की तुलना में घटकर सात प्रतिशत रह गई है।

18 से 24 वर्ष के बीच 38 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में धोखाधड़ी देखी, जबकि 25 से 29 वर्ष की आयु के लोगों के मामले में यह बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई।


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