आयात के विकल्प तलाशने के लिए ज्यादा शोध की जरूरत, देश में ही हो सभी कलपुर्जो का उत्पादन: गडकरी
मराठवाड़ा एक्सलेरेटर फॉर ग्रोथ एंड इनक्यूबेशन काउंसिल (मैजिक) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उद्योग जगत को अपने वेंडर्स का समर्थन और सहयोग करना चाहिए जिससे वे सभी कलपुर्जो का उत्पादन देश में ही कर सकें।
नई दिल्ली, पीटीआइ। ऐसे उत्पादों की पहचान के लिए ज्यादा शोध करने की जरूरत है, जिनकी मैन्यूफैक्चरिंग देश में हो सकती है। ऐसे उत्पाद आयात का किफायती विकल्प बन सकते हैं। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसमएई) मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उद्योगों और उद्योग संगठनों को इन विकल्पों की पहचान के लिए ज्यादा शोध करने की जरूरत है, ताकि आयात पर अंकुश लगाया जा सके।
मराठवाड़ा एक्सलेरेटर फॉर ग्रोथ एंड इनक्यूबेशन काउंसिल (मैजिक) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि उद्योग जगत को अपने वेंडर्स का समर्थन और सहयोग करना चाहिए, जिससे वे सभी कलपुर्जो का उत्पादन देश में ही कर सकें। शुरुआत में इन वैकल्पिक कलपुर्जो का दाम 10-20 प्रतिशत अधिक हो सकता है, लेकिन जब इनका उत्पादन बड़े पैमाने पर होने लगेगा, तो ये सस्ते दाम पर उपलब्ध होंगे।
गडकरी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम आयात का घरेलू विकल्प तलाश करें। ऐसे विकल्प किफायती और पर्यावरण के भी अनुकूल होने चाहिए।
गौरतलब है कि देश का निर्यात दिसंबर, 2020 में 0.8 फीसद गिरकर 26.89 बिलियन डॉलर दर्ज किया गया है। निर्यात में यह गिरावट पेट्रोलियम, और चमड़े व समुद्री उत्पादों जैसे सेक्टर्स में गिरावट के चलते दर्ज की गई। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देश का आयात दिसंबर, 2020 में 7.6 फीसद बढ़कर 42.6 बिलियन डॉलर हो गया। इसके चलते दिसंबर महीने में व्यापार घाटा बढ़कर 15.71 बिलियन डॉलर रहा।
मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीनों के दौरान, आयात में 29.08 फीसद की गिरावट आई, जिससे यह 258.29 बिलियन डॉलर रहा। वहीं, वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में यह 364.18 बिलियन डॉलर रहा था।