Yes Bank संकट और फिर कोरोना वायरस प्रकोप से निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों की बढ़ी मुसीबतें: Moody's
Moodys ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कुछ निजी सेक्टर के बैंक विशेष रूप से छोटे संस्थान अपना डिपॉजिट पब्लिक सेक्टर के बैंकों को खो देंगे।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चेतावनी दी है कि यस बैंक संकट और मौजूदा कोरोना वायरस प्रकोप वित्तीय क्षेत्र को प्रभावित करेगा और निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों को कमजोर बना देगा। मूडीज ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, 'यस बैंक के स्थगन से सिस्टेमैटिक स्टेबिलिटी प्रभावित नहीं होगी, लेकिन इसका असर पूरे सिस्टम पर पड़ेगा। इससे निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों को नुकसान होगा।' गौरतलब है कि आरबीआई ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक के बोर्ड को निरस्त कर बैंक को अपने प्रबंधन में ले लिया था।
मूडीज ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी अनिश्चितताओं के बीच यस बैंक की स्थगन योजना और उसके बाद कोरोना वायरस के प्रकोप व वित्तीय बाजारों में तीव्र अस्थिरता निजी क्षेत्र के बैंकों में जमाकर्ताओं के विश्वास को कम कर देगी। इसके इतर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमाकर्ताओं का विश्वास मजबूत हुआ है। जमाकर्ताओं को लगता है कि उनके पैसे की सुरक्षा सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में सरकार के हाथों में है।
मूडीज ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप कुछ निजी सेक्टर के बैंक, विशेष रूप से छोटे संस्थान अपना डिपॉजिट पब्लिक सेक्टर के बैंकों को खो देंगे। इससे उनकी फंडिंग प्रोफाइल कमजोर हो जाएगी। यस बैंक की स्थगन योजना के बाद इंडसइंड बैंक और आरबीएल जैसे मध्यम और छोटे आकार के निजी बैंकों में से सरकारी जमाएं निकाली जा रही हैं और जमा आधार में कमी हो रही है।
यस बैंक के स्थगन के दौरान प्रति ग्राहक निकासी की सीमा 50,000 रखी गई थी। मूडीज ने यह भी कहा कि यस बैंक की इस घटना से डेब्ट निवेशकों के बीच भारत में वित्तीय प्रणाली की स्थिति को लेकर अनिश्चितता बढ़ने के साथ ही गैर-बैंकिंग कंपनियों (NBFC) में फंडिंग को लेकर तनाव भी बढ़ेगा।