Fight against Corruption: मनी लॉन्ड्रिंग पर लगेगा अंकुश, सरकार ने उठाया यह महत्वपूर्ण कदम
Fight against Corruption मोदी सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने के लिए एक बार फिर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के साथ-साथ दूसरे कार्यकाल में भी भ्रष्टाचार को खत्म करने और शासन में पारदर्शिता लाने के लिए कई उपाय किए हैं। इसी कड़ी में मनी लॉन्ड्रिंग यानी धन शोधन से जुड़ी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार ने एक हाई लेवल पैनल का गठन किया है। रेवेन्यू सेक्रेटरी को इस इंटर-मिनिस्टिरियल कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक यह कमेटी मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को रोकने के लिए विभिन्न विभागों, मंत्रालयों एवं लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के बीच को-ऑर्डिनेशन का काम करेगा। विभिन्न विभागों एवं मंत्रालयों के बीच समन्वय स्थापित करने के अलावा यह कमिटी मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने एवं आतंकी गतिविधियों के लिए फाइनेंसिंग पर अंकुश लगाने से जुड़ी नीतियां बनाएगी। साथ ही समिति उन नीतियों को लागू भी करेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस समिति में 19 सदस्य हैं। राजस्व सचिव की अध्यक्षता वाली इस समिति में वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी शामिल हैं।
इस समिति में 19 सदस्य हैं। इसमें वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सचिव समेत पांच सचिव स्तर के अधिकारी हैं। इसके अलावा, विभिन्न नियामकों और जांच एजेंसियों के प्रमुख भी इसमें शामिल हैं।
इंटेलीजेंस ब्यूर के डायरेक्टर, सेबी के चेयरमैन, इरडा के चेयरमेन, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर (बैंकिंग रेगुलेशन), सीबीआईसी के चेयरमैन, सीबीडीटी के चेयरमैन, स्पेशल सेक्रेटरी (इंटरनल सिक्योरिटी) एवं अन्य अधिकारी इस समिति के सदस्य हैं।
कमिटी इन सभी चीजों के अलावा सभी संबंधित अधिकारियों के साथ नीतिगत सहयोग और समन्वय पर भी करेगी।
सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत मिली हुई शक्तियों के तहत आईएमसीसी का गठन किया है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट का फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स सेल इस कमिटी के सेक्रेटेरियट के तौर पर काम करेगा।