उद्योगों के लिए उपलब्ध लैंड बैंक की मैपिंग कर रही सरकार, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के लिए सिंगल विंडो सिस्टम पर हो रहा काम
Piyush Goyal ने कहा कि लैंड बैंक की मैपिंग भी की जा रही है। देश में पर्याप्त जमीन उपलब्ध है और हम सुनिश्चित करेंगे कि यह सही कीमत पर उपलब्ध हो।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार उद्योग एवं औद्योगिक विकास के लिए उपलब्ध लैंड बैंक की मैपिंग कर रही है। साथ ही एक पूर्ण प्रभावी सिंगल विंडो क्लीयरेंस मैकेनिज्म तैयार करने की दिशा में भी काम हो रहा है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एलईडी टीवी, सीसीटीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। सरकार भारत में सेमीकंडक्टर एफएबी प्लांट की स्थापना को लेकर भी प्रयासरत है।
गोयल ने बताया कि अधिकारियों को आइटी सेवाओं के निर्यात से जुड़े डाटा जुटाने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने का काम भी दिया गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट्स के उद्योग प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा, 'हम उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआइआइटी) के साथ मिलकर एक सिंगल विंडो का फ्रेमवर्क तैयार कर रहे हैं, जहां उस खिड़की के पीछे दरवाजों का जाल नहीं होगा। वह पूरी तरह सिंगल विंडो सिस्टम ही होगा।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लैंड बैंक की मैपिंग भी की जा रही है। देश में पर्याप्त जमीन उपलब्ध है और हम सुनिश्चित करेंगे कि यह सही कीमत पर उपलब्ध हो। इसके लिए राज्यों से बात की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अगर इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग राज्य में पूरा इकोसिस्टम तैयार करना चाहता है तो राज्यों से किफायती बिजली और पानी की आपूर्ति पर चर्चा की जा सकती है। गोयल ने कहा, 'डीपीआइआइटी से बात कीजिए और वह जगह चुनिए जहां पूरा इकोसिस्टम तैयार किया जा सकता है। हम उस दिशा में हरसंभव कदम उठाएंगे।' निर्यात एवं अन्य छूट पर उन्होंने कहा कि इन छूटों के सहारे कोई कंपनी बहुत लंबी दूरी नहीं तय कर सकती है।
गोयल ने कहा, 'आइटी, बीपीओ और सॉफ्टवेयर सेक्टर इसीलिए सफल हैं, क्योंकि ये सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त हैं। मेरा मानना है कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को भी पूरी तरह मुक्त करना चाहिए।' आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत गोयल ने कहा कि सरकार कुछ ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की पहचान करेगी, जिनमें घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को गति देकर निर्यात बढ़ाया जा सकता है।