ग्लोबल मार्केट से कमजोर संकेत, भारतीय शेयर बाजार में कैसा रहेगा कारोबार? जानिए
ग्लोबल ट्रेड वार के गहराते संकट की बनी रह सकती है छाया, पिछले हफ्ते सेंसेक्स में 579 अंक की आई थी गिरावट
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। इस हफ्ते ग्लोबल ट्रेड वार की गहराती आशंका के बीच विदेशी संकेतों पर निवेशकों की निगाह बनी रहेगी। इसके अलावा वायदा बाजार की एक्सपायरी का भी असर घरेलू शेयर बाजारों पर देखने को मिल सकता है। इस हफ्ते गुरुवार को महावीर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर बाजार बंद रहेंगे। गुरुवार को बाजार बंद रहने के कारण इस हफ्ते वायदा बाजार की एक्सपायरी बुधवार को ही की जाएगी।
ग्लोबल मार्केट से आज संकेत कमजोर हैं। शुक्रवार को अमेरिकी बाजार भारी गिरावट के साथ बंद हुए। डाओ 424 अंक टूटकर 23533 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं एसएंडपी 55 अंक गिरकर 2588 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नैस्डैक 174 अंक की गिरावट के साथ 6992 के स्तर पर बंद हुआ था। अमेरिकी बाजार में गिरावट का असर आज एशियाई बाजार पर भी देखने को मिल रहा है।
सुबह 8 बजे के करीब जापान का इंडेक्स निक्केई 177 अंक टूटकर 20440 के स्तर पर कारोबारा कर रहा है। वहीं शंघाई 25 अंक की गिरावट के साथ 3127 पर और हैंगसैंग 57 अंक की गिरावट के साथ 30251 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। तायवान के इंडेक्स कोस्पी में हल्की बढ़त देखने को मिल रही है। यह 5 अंक की मामूली बढ़त के साथ 2422 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सिंगापुर निफ्टी में 3 अंक की मामूली बढ़त देखने को मिल रही है। ऐसे में आज भारतीय बाजारों की शुरुआत सुस्त देखने को मिल सकती है।
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए मुश्किल भरा था। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) के सेंसेक्स में 579 अंक की जबर्दस्त गिरावट दर्ज की गई थी। साप्ताहिक आधार पर लगातार चौथे हफ्ते बाजारों में गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों की धारणा को कमजोर करने में ग्लोबल ट्रेड वार की चिंता में डूबे विदेशी बाजारों की अफरा-तफरी का बड़ा योगदान रहा था। इस हफ्ते भी विदेशी बाजारों की हलचल पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी। ट्रेड वार को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती तनातनी से निवेशक सहमे हुए हैं। अमेरिका की ओर से चीन के स्टील और एल्युमीनियम पर भारी भरकम आयात शुल्क लगाने के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी आयात पर शुल्क बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘ट्रेड वार ने ग्लोबल इक्विटी मार्केट को संकट में डाल दिया है। इसका असर घरेलू बाजारों पर पड़ा। इसके अलावा प्रीमियम वैल्यूएशन और राजनीतिक उठापटक के चलते भी घरेलू बाजार नरम रहे। अभी बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की उम्मीद है।’
विदेशी निवेशकों ने डाले 8,440 करोड़ रुपये: कंपनियों की कमाई बढ़ने की उम्मीद के बीच घरेलू इक्विटी बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) का भरोसा लौटा है। इस महीने विदेशी निवेशकों ने अब तक 8,440 करोड़ रुपये घरेलू इक्विटी बाजार में डाले हैं। इसकी तुलना में पिछले महीने विदेशी निवेशकों ने इक्विटी बाजार से 11,000 करोड़ रुपये निकाले थे। इससे उलट डेट मार्केट से पैसे निकालने का क्रम जारी है। एफपीआइ ने अब तक डेट मार्केट से 10,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। फरवरी में विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट से 250 करोड़ रुपये निकाले थे।
शीर्ष 10 में से नौ कंपनियों का एम-कैप गिरा: देश की 10 शीर्ष कंपनियों में से नौ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते हफ्ते 36,467.94 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे ज्यादा नुकसान एसबीआइ को हुआ। एसबीआइ का एम-कैप 15,537.7 करोड़ रुपये गिरकर 2,02,507.98 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।