Income Tax Return Filing: तय समयसीमा में ITR फाइल करने से चूक गए हैं, तो अब ये हैं ऑप्शंस
Income tax Act की धारा 139(4) के तहत दण्ड शुल्क के साथ ITR भरा जा सकता है। इसके तहत आयकर रिटर्न भरने में जितनी अधिक देरी होगी उतना अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है लेकिन आप 31 अगस्त तक एसेसमेंट ईयर 2019-20 का आयकर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं। ऐसे में आप आयकर विभाग की ओर से भारी जुर्माने को लेकर चिंतित होंगे, लेकिन इन विकल्पों को जानने के बाद आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। दरअसल, आयकर विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक आप 5,000-10,000 रुपये तक के लेट फाइन के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
इस प्रावधान के तहत भर सकते हैं लेट फाइन के साथ आयकर रिटर्न
आयकर अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 139(4) के तहत दण्ड शुल्क के साथ आयकर रिटर्न भरा जा सकता है। इसके तहत आयकर रिटर्न भरने में जितनी अधिक देरी होगी, उतना अधिक जुर्माना देना पड़ सकता है।
ये हैं नियम
आयकर विभाग के वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, जो टैक्सपेयर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि के बाद अपना ITR फाइल करते हैं, उन पर अधिकतम 10,000 रुपये तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है। छोटे टैक्सपेयर को पेनल्टी के मामले में थोड़ी राहत दी गई है। जिन टैक्सपेयर की इनकम 5 लाख रुपये तक है, उन्हें तय तारीख के बाद रिटर्न फाइल करने पर 1,000 रुपया जुर्माने को तौर पर देना होगा। जो करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख के बाद 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करते हैं, उन्हें पेनाल्टी के तौर पर 5,000 रुपये देना पड़ेगा। वहीं, 31 दिसंबर के बाद अपना आयकर रिटर्न भरने वाले टैक्सपेयर्स पर 10,000 रुपये की पेनाल्टी लगाई जाएगी।
देर से आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर ये जानना है जरूरी
1. आयकर विभाग के मुताबिक अगर आपकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको आयकर रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं है।
2. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक आईटी एक्ट की धारा 139 (1) के तहत निर्धारित समयसीमा के भीतर रिटर्न दाखिल करने में विफल रहने वाले लोग एसेसमेंट वर्ष या एसेसमेंट (जो भी पहले हो) पूरा होने से पहले कभी भी आयकर रिटर्न भर सकते हैं।
3. आईटी एक्ट की धारा 234 (एफ) में लेट फीस के साथ समयसीमा के बाद भी आयकर रिटर्न दाखिल करने की सुविधा है।
4. आयकर विभाग के नियमों के मुताबिक तय समयसीमा के बाद, लेकिन 31 दिसंबर से पहले 5,000 रुपये के दंड के साथ रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। वहीं, अगले कैलेंडर वर्ष के एक जनवरी से 31 मार्च के बीच 10,000 रुपये के विलंब शुल्क के साथ रिटर्न भरा जा सकता है।
5. पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वालों को भी तय समयसीमा के बाद आईटीआर भरने के लिए 1,000 रुपये का विलंब शुल्क देना होगा।
आयकर भुगतान से किसे मिली है छूट
साल में ढाई लाख रुपये तक की आमदनी वाले निवासी एवं अनिवासी भारतीयों को आयकर से छूट प्राप्त है। वहीं 60-80 साल तक के वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा तीन लाख रुपये तक की है। वहीं, 80 साल से ज्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर किसी तरह का कर नहीं देना होता है।