CBDT और CBIC के विलय की कोई योजना नहीं, वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार करदाताओं के अनुकूल सुधारों को लागू करने की प्रक्रिया में है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के विलय से जुड़े किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह स्पष्ट किया। मंत्रालय ने दोनों बोर्ड के विलय से जुड़ी एक मीडिया रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा, 'सेंट्रल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू एक्ट, 1963 के तहत गठित दो बोर्ड के विलय का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।' इससे पहले एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर को लेकर नीतिगत फैसले लेने वाले संगठनों का विलय किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता वाली टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म्स कमीशन (TARC) की सिफारिशों में इन दोनों बोर्ड के विलय की अनुशंसा को शामिल किया गया था। TARC ने अपनी रिपोर्ट 2016 में प्रस्तुत की थी। मंत्रालय ने इस संबंध में कहा कि TARC की रिपोर्ट की सरकार की ओर से विस्तृत समीक्षा की गई और सरकार ने विलय से जुड़ी सिफारिश को नामंजूर कर दिया।
टैक्स प्रशासन की क्षमता एवं प्रभाव को बढ़ाने के लिए जरूरी सुधार की सिफारिश और दुनियाभर की अच्छी नीतियों के संदर्भ में भारत की कर नीतियों एवं कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन रिफॉर्म्स कमीशन (TARC) का गठन किया गया था।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इस संदर्भ में ट्वीट कर कहा कि दो रेवेन्यू बोर्ड्स के विलय की खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है।
◾News report of Merger of two Boards of Revenue factually incorrect
◾Government has no proposal to merge two Boards created under the Central Boards of Revenue Act, 1963
Read more ➡️ https://t.co/yto2MtCdXU" rel="nofollow@nsitharamanoffc @Anurag_Office @IncomeTaxIndia @cbic_india — Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 6, 2020
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मंत्रालय ने साथ ही कहा है कि सरकार करदाताओं के अनुकूल सुधारों को लागू करने की प्रक्रिया में है।