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खनिज कानून संशोधन अध्यादेश 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी

इस अध्यादेश के माध्यम से खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम 1957 और कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम 2015 में संशोधन का प्रावधान किया गया है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 03:46 PM (IST)
खनिज कानून संशोधन अध्यादेश 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी
खनिज कानून संशोधन अध्यादेश 2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी

नई दिल्ली, एजेंसियां। देश में कोयले के खनन को बढ़ाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। यह अध्यादेश कोल सेक्टर में एफडीआई को बढ़ाने और कारोबार को आसान बनाने के लिए लाया गया है। कैबिनेट ने खनिज कानून (संसोधित) अध्यादेश 2020 को लागू करने की अनुमति दे दी है। इसमें खदान और खनिज (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट 1957 और कोल माइन्स (स्पेशल प्रोविजन) एक्ट 2015 में संसोधन होगा।

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कोयला, खदान व संसदीय कार्यों के केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मीडिया को बताया कि इस अध्यादेश के माध्यम से खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम 1957 और कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम 2015 में संशोधन का प्रावधान किया गया है।

जोशी ने बताया कि यह अध्यादेश कोयला एवं खनन के क्षेत्र में एक नये युग का सूत्रपात करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में कोयले की मांग काफी ज्यादा है और बड़े पैमाने पर देश इसका आयात करता है।

वहीं, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में 9,265 करोड़ से तैयार हो रही 1,656 किलोमीटर लंबी गैस ग्रिड के निर्माण के लिए 5,559 करोड़ रुपये की वित्तपोषण की सुविधा देगी।

सरकार इस अध्यादेश को कोयला खदानों की निलामी के नियमों को आसान करने के लिए आयी है। साथ ही अब कोयला खनन सभी सेक्टर्स के लिए खुल गया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लिया गया है। साथ ही यह अध्यादेश 31 मार्च 2020 से पहले 46 कच्चे लोहे और दूसरी खानों की नीलामी की अनुमति देता है।


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