ब्याज दरों में कटौती से मध्यवर्ग और किसानों को बड़ी राहत
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 6.25 फीसद कर दिया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लोन की ईएमआई चुकाने वाले देश के मिडिल क्लास को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ब्याज दरों में कटौती कर बड़ी राहत दे दी है। आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, इसके बाद यह 6.25 फीसद के स्तर पर आ गई है। छोटे किसानों तक वित्त की पहुंच आसान बनाने के लिए केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंकों की ओर से दिए जाने वाले वैसे कर्ज की सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 1.6 लाख किया जाएगा, जिसके लिए किसानों को कुछ बंधक नहीं रखना होता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में हुई समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई ने रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे 6.25 फीसद कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने अपने मौद्रिक रुख को ''सख्त'' से बदलकर ''सामान्य/न्यूट्रल'' कर दिया है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से खपत बढ़ सकती है, विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास दर को बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई ने बताया कि किसानों के लिए ऐसे कर्ज में इजाफे का फैसला महंगाई और 2010 के बाद से कृषि लागतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। आरबीआई ने बताया, "यह औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के कवरेज को बढ़ाएगा। इसके संबंध में जल्द ही सर्कुलर जारी किया जाएगा।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था में सुधार एवं इसके औपचारिकता के लिए उठाए गए निर्णायक कदम अब समाज के उन वर्गों को राहत देते मालूम पड़ रहे हैं, जिन्होंने 2016 में नोटबंदी और वर्ष 2017 में जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण व्यवधानों का सामना करना पड़ा था।