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मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र ने की और तरक्‍की, सभी सेक्‍टर में बिजनेस डिमांड बढ़ी

मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में भारत ने और तरक्‍की की है। खास बात यह है कि सभी सेक्‍टर में कारोबार डिमांड बढ़ी है। इससे मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र में चौतरफा बढ़ोतरी हुई है। सरकारी सर्वे के मुताबिक सितंबर में कारोबारी डिमांड बढ़ने से कंपनियों को फायदा हुआ है।

By Ashish DeepEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 12:23 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 12:23 PM (IST)
मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र ने की और तरक्‍की, सभी सेक्‍टर में बिजनेस डिमांड बढ़ी
अगस्‍त के मुकाबले सितंबर के आंकड़े में 1 फीसद से ज्‍यादा की बढ़ोतरी हुई है। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। Covid mahamari के बीच एक अच्‍छी खबर है। मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में भारत ने और तरक्‍की की है। खास बात यह है कि सभी सेक्‍टर में कारोबारी डिमांड बढ़ी है। इससे मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र में चौतरफा विकास हुआ है। सरकारी सर्वे के मुताबिक सितंबर में कारोबारी डिमांड बढ़ने से कंपनियों को फायदा हुआ है। IHS Markit India Manufacturing Purchasing Managers' Index (PMI) के मुताबिक अगस्‍त के मुकाबले सितंबर के आंकड़े में 1 फीसद से ज्‍यादा की बढ़ोतरी हुई है।

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PMI में अगस्‍त का आंकड़ा 52.3 था, जो सितंबर में बढ़कर 53.7 हो गया। सभी सेक्‍टर में मैन्‍युफैक्‍चरिंग में बढ़ोतरी हुई है। यह लगातार तीसरा महीना है जब मैन्‍युफैक्‍चरिंग गतिविधि बढ़ी है। जानकारों के मुताबिक अगर आंकड़ा 50 के ऊपर रहता है तो इसका मतलब कारोबारी डिमांड अच्‍छी है जबकि 50 के नीचे रहने पर यह कॉन्‍ट्रैक्‍शन दर्शाता है।

आईएचएस मार्किट में अर्थशास्त्र की एसोसिएट निदेशक पॉलियाना डी लीमा ने कहा कि IHS Markit India Manufacturing PMI के सर्वे के मुताबिक भारतीय मैन्‍युफैक्‍चर ने प्रोडक्‍शन को काफी हद तक बढ़ा लिया है। उनके पास डिमांड ज्‍यादा आ रही है। इसमें अंतरराष्‍ट्रीय बाजार का भी अहम रोल है। उन्‍होंने कहा कि भारत में हर ऑपरेटिंग स्थिति में लगातार तीसरे महीने सुधार हुआ है। इससे पहले जुलाई में भी देश की मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में बीते 3 माह में सबसे मजबूत बढ़ोतरी देखने को मिली थी।

Corona Virus के मामलों में बढ़ोतरी के कारण और स्थानीय स्तर पर सख्त प्रतिबंधों से मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में 11 महीनों में पहली बार जून में गिरावट आई थी। इससे बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी चली गई थी। मौसमी रूप से समायोजित आईएचएस मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जून में घटकर 48.1 रह गया था, जो मई में 50.8 था।

मई में भी मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में गिरावट आई थी। PMI मई में गिरकर 50.8 पर आ गया था, जो अप्रैल में इससे कहीं ऊपर 55.5 पर था। इस दौरान कंपनियों के पास नया काम और उत्पादन बीते 10 महीनों में सबसे कम था।


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