पीयूसी पर सरकार और पेट्रोल पंप मालिकों के बीच चल रही खींचतान खत्म
राजधानी में वाहनों को पेट्रोल व डीजल देने के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर पिछले एक महीने से राज्य सरकार और पेट्रोल पंप मालिकों के बीच चल रही खींचतान शुक्रवार को खत्म हो गई। दिल्ली सरकार ने पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य बनाने का फैसला तीन
नई दिल्ली। राजधानी में वाहनों को पेट्रोल व डीजल देने के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट अनिवार्य बनाने के मुद्दे पर पिछले एक महीने से राज्य सरकार और पेट्रोल पंप मालिकों के बीच चल रही खींचतान शुक्रवार को खत्म हो गई। दिल्ली सरकार ने पीयूसी सर्टिफिकेट अनिवार्य बनाने का फैसला तीन महीने के लिए टाल दिया है, इस दौरान सरकार लोगों को सर्टिफिकेट के संबंध में जागरूक बनाने के लिए अभियान चलाएगी। इससे पेट्रोल पंप मालिकों को फौरी तौर पर राहत मिल गई है। पीयूसी सर्टिफिकेट को 1 दिसंबर से अनिवार्य किया जाना था।
इस संबंध में पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा बनाया गया यह नियम पूरी तरह से गैरकानूनी है। ऐसे में बिना बदलाव के इसे लागू नहीं किया जा सकता। ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि यदि सरकार इसे लागू करना चाहती है तो पेट्रोल पंप पर सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति करनी चाहिए। साथ ही इसे जांचने का जिम्मा भी संबंधित एजेंसी के पास हो। गौरतलब है कि पीयूसी सर्टिफिकेट के संबंध में पेट्रोल पंप मालिकों ने शुक्रवार को पेट्रोल मंत्रलय के उच्च अधिकारियों से भी मुलाकात की थी।